राज्य
17-May-2025
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गरियाबंद(ईएमएस)। तेल नदी के सेनमूड़ा घाट पर लगभग 2 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2022 में बना डाय फ्राम वॉल पहली ही बारिश में टूट गया। वॉल का करीब 20 मीटर से अधिक हिस्सा नदी के बहाव में बह गया, जिससे निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। हैरानी की बात यह है कि दो साल बीतने के बाद भी इस क्षतिग्रस्त वॉल की ठोस मरम्मत नहीं की गई। यह वॉल, कांग्रेस सरकार की स्वीकृत जल प्रदाय योजना का हिस्सा था, जिसके तहत सेनमूड़ा घाट पर एक टैंक निर्माण किया जाना था। टैंक निर्माण कार्य तो अब 2025 में शुरू हुआ है, लेकिन इससे पहले ही 2022 में डाय फ्राम वॉल खड़ा कर दिया गया था, ताकि नदी का बहाव नियंत्रित रहे और टैंक में जल भराव बना रहे। स्थानीय जनप्रतिनिधि और जिला पंचायत निर्माण समिति के सभापति देशबंधु नायक ने इस निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि वॉल को जिस मजबूती से बनाया जाना था, उसमें भारी लापरवाही की गई। नायक ने कहा यह जिले का पहला ऐसा निर्माण है जो पूरी तरह तैयार होने से पहले ही टूट गया, और फिर भी इसे रिकॉर्ड में पूर्ण दिखा दिया गया। उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और झाखरपारा शिविर में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई है। नायक ने वॉल निर्माण के लिए ज़िम्मेदार इंजीनियर पीआर सिरमौर्य पर कार्रवाई न होने को विभागीय मिलीभगत बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि सिरमौर्य को उल्टे छुरा सबडिवीजन का एसडीओ बना दिया गया, जबकि अन्य इंजीनियर इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी लेने से कतरा रहे थे। इस बीच, सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता एस.के. बर्मन ने सफाई देते हुए बताया कि वॉल टूटने के बाद मरम्मत कार्य कराया गया है और अन्य हिस्सों को भी सपोर्टिंग स्ट्रक्चर से मजबूत किया गया है। बर्मन के अनुसार, निर्माण की खामी के कारण ठेका कंपनी पर 5 लाख रुपये की पेनाल्टी भी लगाई गई है। उनका दावा है कि “वॉल की वर्तमान स्थिति योजना के उद्देश्य की पूर्ति के लिए पर्याप्त है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)17 मई 2025