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18-May-2025
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वाशिंगटन(ईएमएस)। आतंकियों को पोषित करने के अमेरिका पर आरोप लगते रहे हैं, लेकिन अब व्हाइट हाउस में उनके लिए लाल कारपेट बिछाने में भी कोई कोताही नहीं बरती जा रही। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ऐसे लोगों के साथ चाय पार्टी करते नजर आ रहे हैं जिनका आतंक से नाता रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने वाइट हाउस के एडवायजरी बोर्ड ऑफ ले लीडर्स में दो ऐसे व्यक्तियों को नियुक्त किया है, जिनके कथित तौर पर इस्लामी जिहादी संगठनों से संबंध रहे हैं। इनमें से एक इस्माइल रॉयर है, जो पहले रेंडेल रॉयर के नाम से जाना जाता था, और दूसरा प्रसिद्ध मुस्लिम स्कॉलर और जायतूना कॉलेज का सह-संस्थापक शेख हमजा यूसुफ है। इस्माइल रॉयर का पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से सीधा संबंध बताया जा रहा है। इस नियुक्ति ने भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि रॉयर पर 2000 में पाकिस्तान में लश्कर के ट्रेनिंग कैंप में भाग लेने और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। इस नियुक्ति को लेकर ट्रंप की करीबी और दक्षिणपंथी कार्यकर्ता लारा लूमर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस्माइल रॉयर की नियुक्ति को पागलपन बताया है और आरोप लगाया है कि रॉयर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी ट्रेनिंग कैंप में प्रशिक्षण ले चुका है और उसने कश्मीर में भारतीय ठिकानों पर फायरिंग जैसी गतिविधियों में हिस्सा लिया है। सजा काट चुका है इस्माइल रॉयर इस्माइल रॉयर को 2004 में अमेरिका की एक अदालत ने आतंकवादी गतिविधियों में दोषी पाते हुए 20 साल की सजा सुनाई थी। वह वर्जीनिया जिहादी नेटवर्क से जुड़ा था। एफबीआई की जांच के अनुसार, उसने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी कैंप में आतंकियों को भेजने और वहां हथियारों की ट्रेनिंग दिलवाने में मदद की थी। 2023 में मिडिल ईस्ट फोरम के साथ एक इंटरव्यू में रॉयर ने अपने जिहादी अतीत को याद करते हुए कहा था, मुझे लश्कर के लोग पसंद आए। मुझे बताया गया था कि यह एक चरमपंथी समूह नहीं है। यूसुफ पर कट्टरपंथ से जुड़े आरोप लारा लूमर ने एक और नियुक्त सदस्य, शेख हमजा यूसुफ पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने दावा किया कि यूसुफ मुस्लिम ब्रदरहुड और हमास जैसे संगठनों से जुड़ा रहा है और ‘जिहाद’ की असली परिभाषा को छिपाने की कोशिश की है। लूमर ने आरोप लगाया कि जायतूना कॉलेज में शरीया कानून की शिक्षा दी जाती है और यह संस्थान इस्लामिक कट्टरपंथ को बढ़ावा देता है। नियुक्तियों पर तीखी आलोचना लूमर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “वाइट हाउस में आतंकवादियों को सलाहकार बनाना शर्मनाक है। यह अमेरिका की सुरक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों का मजाक है। उन्होंने ट्रंप प्रशासन में पहले कार्यरत रहे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज की बर्खास्तगी को भी इससे जोड़ते हुए संकेत दिए कि ट्रंप के आंतरिक घेरे में कट्टर विचारधारा वाले लोग जगह पा रहे हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/18मई 2025