17-May-2025
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* बीते ढाई दशक में निर्मित किए गए राज्य के इतिहास, विरासत एवं संस्कृति का जतन करने वाले अभूतपूर्व संग्रहालय अहमदाबाद (ईएमएस)| संग्रहालय या म्यूजियम यानी एक ऐसा स्थल, जहाँ संबंधित देश या राज्य की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक तथा कलात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण विभिन्न वस्तुओं को एकत्र कर लोगों के समक्ष प्रदर्शित किया जाता है और जो लोगों के लिए शैक्षणिक एवं ज्ञानवर्धक स्थल होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने म्यूजियमों की जरूरत पर बल देते हुए कहा है, “म्यूजियम सच्चाइयों तथा प्रमाणों पर आधारित वास्तविकता प्रस्तुत करते हैं। वे हमें अतीत से प्रेरणा प्रदान करते हैं और भविष्य के प्रति हमारे कर्तव्यों को लेकर जागृत करते हैं।” तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 2 दशक में गुजरात में विभिन्न संग्रहालयों का निर्माण किया गया है, जो राज्य के इतिहास एवं संस्कृति को विश्व के लोगों के समक्ष उजागर करते हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात के वडनगर में भारत के सर्वप्रथम आर्कियोलॉजिकल एक्सपीरियेंशियल म्यूजियम (पुरातात्विक अनुभवात्मक संग्रहालय) का निर्माण किया गया है, जो प्राचीनतम वडनगर शहर का भव्य इतिहास प्रदर्शित करता है। उल्लेखनीय है कि 18 मई के दिन को इंटरनेशनल म्यूजियम डे (अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस) के रूप में मनाया जाता है, जिसकी वर्ष 2025 के लिए थीम है ‘द फ्यूचर ऑफ म्यूजियम्स इन रैपिडली चेंजिंग कम्युनिटीज’ यानी तेजी से बदल रहे समुदायों में संग्रहालयों का भविष्य। यह थीम इस विषय पर ध्यान केन्द्रित करती है कि म्यूजियम किस प्रकार सामाजिक, तकनीकी एवं पर्यावरणीय बदलावों से गुजर रहे विश्व में अनुकूलन साध सकते हैं, नवीनीकरण कर सकते हैं तथा योगदान दे सकते हैं। आइए, गुजरात में पिछले 2 दशक में निर्मित किए गए कुछ विशिष्ट एवं विख्यात संग्रहालयों के विषय में जानकारी प्राप्त करें। वडनगर में भारत का प्रथम आर्कियोलॉजिकल एक्सपीरियेंशियल म्यूजियम वडनगर में नवनिर्मित आर्कियोलॉजिकल एक्सपीरियेंशियल म्यूजियम भारत का इस प्रकार का प्रथम संग्रहालय है, जिसका उद्देश्य यहाँ खुदाई के दौरान प्राप्त हुए पुरातत्वीय पदार्थों के जरिये वडनगर के बहुस्तरीय सांस्कृति इतिहास को उजागर करना तथा 2500 वर्षों से अधिक समय से इस शहर में हो रही मानव उत्क्रांति को प्रदर्शित करना है। यह म्यूजियम 13,525 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, जो पुरातत्वीय खुदाई के दौरान मिली लगभग 7000 से अधिक कलाकृतियों को प्रदर्शित करता है। म्यूजियम में विभिन्न कालखंडों की कलाओं, शिल्पों एवं इस क्षेत्र की भाषा को प्रदर्शित करने वाली 9 थीमैटिक गैलरियाँ बनाई गई हैं। विश्व के 7 सुंदर संग्रहालयों की सूची में शामिल भुज का स्मृतिवन भूकंप स्मारक गुजरात में 2001 में आए भूकंप के दौरान कच्छ में जान गँवाने वाले नागरिकों की स्मृति में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से स्मृतिवन भूकंप स्मारक का निर्माण किया गया है। 470 एकड़ क्षेत्र में फैले इस स्मृतिवन में विशाल मियावाकी जंगल स्थित है। यहाँ 50 चेकडैम हैं तथा श्रद्धांजलि के रूप में कुल 12,932 पीड़ित नागरिकों के नाम की तकती चेकडैम की दीवारों पर लगाई गई हैं। यहाँ 2001 में आए भूकंप की अनुभूति करने के लिए एक विशेष थियेटर का निर्माण किया गया है; जिसमें कंपन, ध्वनि तथा प्रकाश के संयोजन से भूकंप की स्थिति का अनुभव कराया जाता है। यूनेस्को द्वारा इस स्मृतिवन को विश्व के 7 सबसे सुंदर संग्रहालयों की सूची में स्थान दिया गया है। दांडी कुटीर, गांधीनगर गांधीनगर स्थित दांडी कुटीर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित भारत का पहला हाईटेक एवं अत्याधुनिक म्यूजियम है। दांडी कुटीर 41 मीटर का शंकु आकार का एक सफेद गुंबद है, जो नमक के ढेर का प्रतीक है। ब्रिटिश शासन द्वारा नमक पर लगाए गए कर के प्रति विरोध प्रदर्शित करने के लिए गांधीजी ने 1930 में जो दांडीकूच (दांडी यात्रा) की थी, यह गुंबद उसके प्रतीक के रूप में है। दांडी कुटीर में गांधीजी के जन्म से मृत्यु तक के हर वृत्तांत को तकनीकी माध्यम से दर्शाया गया है। यहाँ आगंतुक (विजिटर्स) 3डी मैपिंग, होलोग्राफी, 360 डिग्री प्रोजेक्शन तथा पारदर्शी एलईडी स्क्रीन जैसी टेक्नोलॉजी के जरिये गांधीजी का जीवन चरित्र निहार सकते हैं। श्यामजी कृष्ण वर्मा स्मारक कच्छ के मांडवी में जन्मे भारत के महान क्रांतिकारी श्री श्यामजी कृष्ण वर्मा के अस्थि कलश को जिनेवा से स्वदेश लाने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2010 में मांडवी में श्यामजी कृष्ण वर्मा स्मारक (मेमोरियल) का उद्घाटन किया था। इस क्रांतितीर्थ में स्वतंत्रता संग्राम की 1857 से 1947 तक यानी 90 वर्ष की प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं की तारीख तथा क्रांतिकारी देशभक्तों के समर्पण की सचित्र गाथा प्रस्तुत की गई है। श्यामजी कृष्ण वर्मा ने सशस्त्र क्रांति से स्वतंत्रता प्राप्त तक के संकल्प के रूप में लंदन में जो इंडिया हाउस बनाया था, उसकी प्रतिकृति भी यहाँ स्मारक के रूप में रखी गई है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी म्यूजियम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2018 में नर्मदा जिले के केवडिया में सरदार वल्लभभाई पटेल की विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का लोकार्पण किया था। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत 2018 में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी म्यूजियम का भी लोकार्पण किया गया था। यह म्यूजियम तथा एग्जीबिशन हॉल सरदार साहब की विशाल प्रतिमा के अधोभाग में स्थित है; जहाँ ऑडियो-विजुअल प्रदर्शनी, होलोग्राम एवं इंटरेक्टिव प्रदर्शनियाँ हैं। इसके अतिरिक्त; इस संग्रहालय में आदिवासी संस्कृति तथा क्षेत्रीय (प्रादेशिक) विरासत पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है। श्रीस्थल संग्रहालय, सिद्धपुर श्रीस्थल संग्रहालय पाटण के सिद्धपुर में बिंदु सरोवर परिसर के निकट स्थित है और यह आम लोगों में सिद्धपुर म्यूजियम या बिंदु सरोवर म्यूजियम के रूप में विख्यात है। वर्ष 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य के तत्कालीन पर्यटन मंत्री ने इस संग्रहालय के निर्माण का प्रस्ताव किया था और 2017 में इस म्यूजियम का लोकार्पण किया गया था। यह संग्रहालय सिद्धपुर के वैभवशाली इतिहास को दर्शाता है। इसमें तीन दीर्घाएँ हैं; जिनमें तीर्थ दीर्घा, इतिहास दीर्घा व समाज दीर्घा शामिल हैं। निर्माणाधीन लोथल मैरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकास भी, विरासत भी’ के विजन को साकार करने के लिए लोथल में नेशनल मैरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स का निर्माण हो रहा है। पाँच हजार वर्ष पहले भारत कैसी सभ्यता वाला राष्ट्र था, किस तरह व्यापार करता था; उसका जीवंत निदर्शन इस हेरिटेज कॉम्प्लेक्स में किया जाएगा। म्यूजियम में हड़प्पन आर्किटेक्चर तथा जीवनशैली को फिर से उजागर करने के लिए लोथल मिनी रीक्रिएशन के अतिरिक्त; मेमोरियल थीम पार्क, मैरीटाइम व नेवी थीम पार्क, क्लाइमेट थीम पार्क तथा एडवेंचर एंड अम्यूजमेंट थीम पार्क जैसे चार थीम पार्कों का निर्माण किया जाएगा। हड़प्पन काल से आज तक की भारत की समुद्री विरासत पर प्रकाश डालने वाली 14 दीर्घाएँ और अन्य राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों की विभिन्न समुद्री विरासतों को प्रदर्शित करने वाला कोस्ट स्टेट्स पैवेलियन भी यहाँ रखा जाएगा। आगामी समय में गुजरात में बनने वाले प्रस्तावित संग्रहालय आगामी समय में गुजरात में कुछ विशिष्ट संग्रहालयों का निर्माण होगा। ये सूचित संग्रहालय निम्नानुसार हैं :- • म्यूजियम ऑफ रॉयल किंगडम्स ऑफ इंडिया, एकतानगर • गुजरात वंदना म्यूजियम, एकतानगर • नेशनल ट्राइबल म्यूजियम, एकतानगर • वीर बालक उद्यान, एकतानगर • ताना-रीरी म्यूजिक म्यूजियम, वडनगर • द्वारका संग्रहालय, द्वारका • श्री झवेरचंद मेघाणी म्यूजियम, चोटीला इसके अतिरिक्त; राज्य सरकार पुराने संग्रहालयों को अपडेट कर उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर के म्यूजियमों में परिवर्तित करने के लिए भी कार्य कर रही है। सापुतारा मे ट्राइबल म्यूजियम एवं पाटण स्थित म्यूजियम, जिसे राजमाता नायिकादेवी संग्रहालय नाम दिया गया है, को अपडेट करने का कार्य शुरू कर दिया गया है; जबकि बरोडा म्यूजियम व पिक्चर गैलरी, राजकीय संग्रहालय-जूनागढ तथा वाटसन म्यूजियम-राजकोट को अंतरराष्ट्रीय स्तर के म्यूजियम बनाने का कार्य प्रगति पर है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में गुजरात अपनी ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत का जतन करने और उसे विश्व के लोगों के समक्ष उजागर करने को प्रतिबद्ध है। सतीश/17 मई