राज्य
19-May-2025
...


रायपुर(ईएमएस)। भारतमाला परियोजना के तहत हुए कथित मुआवजा घोटाले को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने एक बार फिर राज्य सरकार और जांच एजेंसियों की मंशा पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मामले की जांच की दिशा जानबूझकर भटकाई जा रही है, ताकि भाजपा से जुड़े प्रभावशाली नेताओं, व्यवसायियों और अफसरों को बचाया जा सके। वर्मा ने आरोप लगाया कि जांच प्रक्रिया में सलेक्टिव अप्रोच अपनाई जा रही है। उन्होंने दावा किया कि जो भू-माफिया और दलाल भाजपा से जुड़ गए, उनके खिलाफ कार्रवाई रोक दी गई है। यहां तक कि हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में इन्हीं संदिग्धों से राजनीतिक लाभ उठाया गया। कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी कहा कि इस घोटाले को लेकर पूर्ववर्ती सरकार के समय की तीन जांच रिपोर्ट सरकार के पास मौजूद हैं, जिनमें 60 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया था, लेकिन न तो अब तक गिरफ्तारी हुई और न ही किसी तरह की वसूली। उन्होंने आरोप लगाया कि परियोजना की डीपीआर 2017 में भाजपा सरकार के समय जानबूझकर बदली गई, ताकि कुछ खास लोगों को करोड़ों रुपये का अनुचित मुआवजा दिलाया जा सके। उन्होंने भाजपा के पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू द्वारा खुद ही सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से निजी बताकर मुआवजा हड़पने के आरोपों की याद दिलाते हुए पूछा कि वे अब चुप क्यों हैं। वर्मा ने कहा कि 10 जिलों में 1000 करोड़ से अधिक के घोटाले की आशंका है और यह सीधे तौर पर राजस्व की लूट है। उन्होंने एनएचएआई और संबंधित बैंकों की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि बिना उच्चस्तरीय सहमति के मुआवजा राशि में 18 गुना वृद्धि संभव नहीं थी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और मांग की कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारें इस पूरे घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही हैं, जबकि पर्याप्त प्रमाण पहले ही जांच एजेंसियों के पास मौजूद हैं। सत्यप्रकाश(ईएमएस)19 मई 2025