- इंडिया की इकोनॉमी को भी ताकत दे रहा केला, मिर्च लगा रही तड़का नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत की कृषि वृद्धि दर में हाल के वर्षों में तेजी देखी जा रही है, जिसमें अब पारंपरिक अनाज की बजाय फल, सब्ज़ियां और मसाले खेती करना किसान पसंद करने लगे हैं। खासतौर पर केला और मिर्च ने खेती की तस्वीर को बदला है। एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 24 में ये दोनों कृषि उत्पाद पिछले एक दशक के मुकाबले सबसे ज़्यादा योगदान देने वाले आइटम्स के रूप में उभरे हैं। यह ट्रेंड सिर्फ घरेलू उत्पादन तक सीमित नहीं, बल्कि भारत के कृषि निर्यात को भी नई दिशा दे रहा है। केला अब सिर्फ एक आम फल नहीं रहा, बल्कि यह भारत के फलों के उत्पादन में सबसे बड़ा हिस्सा लेने वाला उत्पाद बन चुका है। वित्त वर्ष 2023 में केले ने आम को पीछे छोड़ते हुए जीडीपी में सबसे ज़्यादा योगदान देने वाला फल बन गया था। अब वित्त वर्ष 24 में इसका वर्चस्व और बढ़ गया है। केला निर्यात में तो और भी बड़ा उछाल देखा गया है। केले के निर्यात में 391 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। वित्त वर्ष 25 के अप्रैल से फरवरी तक के आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान केला निर्यात पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 30 फीसदी ऊपर रहा। इस अवधि में भारत के कुल 879 मिलियन डॉलर के फल व्यापार में अकेले केले का हिस्सा 40 फीसदी रहा, जो इसकी आर्थिक उपयोगिता को दर्शाता है। सतीश मोरे/20मई ---