चारागाह की भूमि पर ग्रामीणों ने किया अतिक्रमण, राजस्व अमले की जांच जिला मुख्यालय पहुंचकर तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन मद परिवर्तन कर पट्टा दिए जाने की मांग ग्राम छोटी कुम्हारी का मामला बालाघाट (ईएमएस). जिला मुख्यालय से सटे ग्राम छोटी कुम्हारी के आवासटोला में 20-30 वर्षों से निवास कर रहे ग्रामीणों को हटाने की कार्यवाही प्रशासन ने प्रारंभ कर दी गई है। बुधवार को करीब एक सैकड़ा बच्चे और ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर इसका विरोध जताया है। भूमि से बेदखल किए जाने पर जान देने की चेतावनी भी दी है। ग्रामीणों ने तहसीलदार भूपेंद्र अहिरवार को ज्ञापन सौंपकर भूमि का मद परिवर्तन कर उन्हें पट्टा आबंटित किए जाने की मांग की है। ग्रामीणों के अनुसार वे आवाटोला में पिछले 20-30 वर्षों से निवास कर रहे हैं। जिस भूमि पर वे रह रहे हैं, वहां उन्होंने मकान भी तैयार कर लिया है। इतना ही नहीं ग्राम पंचायत ने उन्हें सडक़, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी मुहैया कराई है। जिसके कारण वे अपना जीवन-यापन कर रहे थे। लेकिन अचानक ही प्रशासनिक अमले ने मौके पर पहुंचकर नापजोक शुरु कर दी। जिसके कारण सभी ग्रामीण घबराए हुए हैं। बुधवार को आवासटोला में निवास करने वाले सभी बच्चे, बुजुर्ग ने जिला मुख्यालय पहुंचकर तहसीदार भूपेंद्र अहिरवार को अपनी समस्या से अवगत कराया। साथ ही ज्ञापन सौंपकर उक्त भूमि का मद परिवर्तन कर उन्हें पट्टा दिए जाने की मांग की है। सीएम हेल्पलाइन में हुई थी शिकायत आवासटोला के सरकारी भूमि में अतिक्रमण कर निवास करने के मामले में सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की गई थी। जिसके बाद पटवारी ने मौके पर पहुंचकर जमीन की नापजोख की। जांच में पता चला कि यह जमीन चारागाह मद की है। राजस्व अमले ने मौके पर ही पंचनामा तैयार किया है। वहीं अतिक्रमण की जद में आने वाले ग्रामीणों को चिन्हित भी कर लिया है। राजस्व अमले की इस कार्यवाही से ग्रामीणों में डर का माहौल बना हुआ है। बारिश के मौसम में कहां तलाशेंगे अपना आशियाना ग्रामीणों का कहना है कि कुछ दिन बाद बारिश शुरु हो जाएगी। ऐसे में उन्हें बेदखल किया जाता है तो वे कहां जाएंगे। कहां अपना आशियाना तलाशेंगे। उन्होंने कहा कि जब वे अपना मकान बना रहे थे, तब उन्हें किसी ने नहीं रोका। अब जब वे स्थायी रुप से यहां निवास करने लगे तो उन्हें हटाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि उन्होंने अपने आवास तैयार करने में काफी पैसा खर्च कर चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर उन्हें जबरदस्ती हटाया गया तो ते जान दे देंगे। तहसील कार्यालय से नहीं भेजा कोई नोटिस तहसीलदार भूपेंद्र अहिरवार का कहना है कि ग्रामीणों को शासकीय भूमि से बेदखल नहीं किया जा रहा है। सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत मिली थी कि चरागाह की भूमि पर कुछ लोगों ने कब्जा कर मकान बना लिए हैं। उसी की जांच करने के लिए पटवारी ने मौका स्थल पर नापजोक कर पंचनामा बनाया है। जिसकी जानकारी शासन को भेजी जा रही है। ग्रामीणों को शासकीय भूमि से बेदखल करने के लिए तहसील कार्यालय से किसी भी प्रकार का कोई नोटिस नहीं भेजा गया है। इनका कहना है आवासटोला में वे करीब 30 वर्षों से निवास कर रहे हैं। सीएम हेल्पलाइन में किसी ने शिकायत की है। जबकि गांव में चरागाह के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध है। मकान हटाने की खबर से सभी परिवार घबराए हुए हैं। प्रशासन उक्त भूमि का मद परिवर्तन कर उन्हें पट्टा प्रदान करें। -कृष्णा पाटिल, ग्रामीण हम जब उस जमीन पर मकान बना रहे थे, तब किसी ने उन्हें नहीं रोका। हमने काफी मेहनत और पैसा खर्च करके मकान बनाए हैं। अब उन्हें बेदखल करने का कार्य किया जा रहा है। ऐसे में वे छोटे-छोटे बच्चों के साथ कहां जाएंगे। जबकि कुछ दिन बाद बारिश भी शुरु हो जाएगी। सुनीता बाई, बुजुर्ग महिला सीएम हेल्पलाइन की शिकायत के बाद उक्त भूमि की नापजोक कराई गई है। अचानक किसी को बेदखल नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों से कहा है कि वह पंचायत से प्रस्ताव बनाकर लाए। अभी कोई बेदखली की कार्रवाई नहीं हो रही है। जांच रिपोर्ट का प्रतिवेदन सरकार को भेजा जाएगा। -भूपेन्द्र अहिरवार, तहसीलदार, बालाघाट भानेश साकुरे / 21 मई 2025
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