राष्ट्रीय
22-May-2025


ट्रेनिंग के बाद नौकरी छोड़ना नहीं होगा आसान नई दिल्ली (ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पीएस नरसिंम्हा और जस्टिस जयमाला बागची की पीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। विजया बैंक बनाम प्रशांत बी नरनावरे प्रकरण में 14 मई को यह फैसला कोर्ट द्वारा सुनाया गया है। फैसले में कहा गया है, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां और निजी क्षेत्र की कंपनियां अपने कर्मचारियों को ट्रेंड करती हैं। भरती करने में काफी पैसा खर्च करती हैं। उनसे सर्विस का बांड भराती है। उसका पालन करना ट्रेनी और कर्मचारियों के लिए आवश्यक है। यदि कर्मचारी ऐसा नहीं करता है। तो ट्रेनिंग पर जो खर्च हुआ है। उसकी भरपाई सार्वजनिक और निजी कंपनियां करने के लिए स्वतंत्र हैं। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए एक प्रक्रिया अपनाई। जिसमें भारी पैसा खर्च हुआ। उसके बाद ट्रेनिंग में पैसा खर्च किया। बीच मैं कोई अधिकारी या कर्मचारी नौकरी छोड़कर जाता है। ऐसी स्थिति में नियोक्ता को ट्रेनिंग खर्च को वसूल करने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को निरस्त करते हुए विजया बैंक की याचिका को स्वीकार किया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति और ट्रेनिंग दी जाती है। इस फैसले के बाद उनके लिए बीच में नौकरी छोड़ना आसान नहीं होगा। नौकरी छोड़ने पर उन्हें हर्जाना देना होगा। एसजे/ 22 मई /2025