मुंबई, (ईएमएस)। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आईटीआर दाखिल करने की समय-सीमा बढ़ा दी है। यह फैसला करदाताओं के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। पहले यह समय-सीमा 31 जुलाई 2025 तक थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया है। दरअसल इस साल आईटीआर दाखिल करने वालों के लिए यह एक महत्वपूर्ण संशोधन है। करदाताओं को आईटीआर दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा। 31 मई तक टीडीएस स्टेटमेंट जमा करने के बाद, इसमें मौजूद जानकारी जून की शुरुआत तक करदाताओं के बैंक खातों में दिखाई देने लगेगी। अगर समय-सीमा नहीं बढ़ाई जाती, तो करदाताओं के पास आईटीआर दाखिल करने के लिए कम समय बचता। आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि समय-सीमा के बाद आईटीआर दाखिल करने पर विलंब शुल्क और अन्य कानूनी कार्रवाई हो सकती है। इसलिए, बढ़ाई गई समय-सीमा ने करदाताओं को समय पर आईटीआर दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय प्रदान किया है। - क्यों बढ़ाई गई समय-सीमा ? केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि आईटीआर फॉर्म में किए गए बदलावों की वजह से वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सिस्टम तैयार करने और नई सुविधाओं को लागू करने में समय की जरूरत थी। इसलिए बोर्ड ने डेडलाइन बढ़ा दी है। साथ ही यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि करदाताओं को आईटीआर दाखिल करते समय कोई परेशानी न हो और साथ ही दस्तावेज आसानी से जमा किए जा सकें। पहले आखिरी तारीख 31 जुलाई थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया है। इससे करदाताओं को पर्याप्त समय मिल गया है। साथ ही आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। संजय/संतोष झा- २८ मई/२०२५/ईएमएस