-खराब मौसम के चलते गंगटोक दौरा करना पड़ा रद्द गंगटोक,(ईएमएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को सिक्किम की राजधानी गंगटोक में आयोजित विशेष समारोह में शरीक होने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के चलते उनका दौरा रद्द करना पड़ा। तय कार्यक्रम के अनुसार पीएम मोदी को गंगटोक के पालजोर स्टेडियम में सिक्किम के भारत में विलय की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होना था। हालांकि, कार्यक्रम को रद्द नहीं किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी स्थित बागडोगरा एयरपोर्ट से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस ऐतिहासिक समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने सुनौलो समृद्ध एवं समर्थ सिक्किम थीम पर आधारित वर्षभर चलने वाले आयोजनों की शुरुआत की, साथ ही एक विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्के का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री को राज्य के विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी करना था। इनमें नामची में 500 बेड वाले आधुनिक अस्पताल (लागत: 750 करोड़ रुपये से अधिक) और ग्यालशिंग जिले के सांगाचोलिंग में यात्री रोपवे परियोजना शामिल हैं। इसके अलावा गंगटोक के सांगखोला स्थित अटल अमृत उद्यान में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का लोकार्पण भी प्रस्तावित था। सिक्किम के भारत में विलय को 50 वर्ष पूरे सिक्किम का भारत में आधिकारिक विलय 16 मई 1975 को हुआ था। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए राज्य सरकार ने विशेष कार्यक्रमों की श्रृंखला की योजना बनाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी राज्य दिवस के दिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सिक्किमवासियों को शुभकामनाएं दी थीं। उन्होंने लिखा था, सिक्किम के लोगों को राज्य दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं। इस वर्ष यह अवसर और भी खास है, क्योंकि हम सिक्किम के राज्य बनने की 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। सिक्किम सौम्य सौंदर्य, समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और मेहनती लोगों का स्थान है। इस खूबसूरत राज्य के लोग समृद्ध होते रहें। सिक्किम के भारत का हिस्सा बनने का इतिहास विलय से पहले सिक्किम एक स्वतंत्र रियासत था, जहां नामग्याल वंश का शासन था। 1970 के दशक में राजशाही का विरोध और लोकतंत्र की मांग तेज़ होने लगी। इसे देखते हुए 1974 में भारतीय मदद से विधानसभा चुनाव कराए गए। लोकतंत्र समर्थक दलों की भारी जीत के बाद भारत से घनिष्ठ संबंध और संवैधानिक एकीकरण की दिशा में कदम बढ़ाया गया। राजशाही विरोधी लहर के बीच 1975 में जनमत संग्रह कराया गया, जिसमें 97 प्रतिशत जनता ने भारत में विलय के पक्ष में मतदान किया। इसके बाद संसद ने संबंधित विधेयक पारित कर सिक्किम को 22वां राज्य घोषित किया। आज जब सिक्किम भारत में अपने 50 वर्षों की यात्रा का उत्सव मना रहा है, तब प्रधानमंत्री मोदी का इस आयोजन में वर्चुअली सम्मिलित होना, इस ऐतिहासिक पल को राष्ट्रीय महत्व प्रदान करता है। हिदायत/ईएमएस 29मई25