व्यापार
29-May-2025


- बैंकों को जोखिमों से निपटने की जरूरत मुंबई (ईएमएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट में देश के वित्त वर्ष 2025-26 में भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाए रहने की संभावना जताई है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत आर्थिक बुनियादी ढांचे, वित्तीय क्षेत्र की मजबूती और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता के चलते देश इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा सकता है। आरबीआई ने बताया कि ग्लोबल वित्तीय बाजार में उत्पन्न अनिश्चितताओं को विकास का नकारात्मक जोखिम और मुद्रास्फीति का सकारात्मक पहलू माना जा रहा है। इसके साथ ही, रिपोर्ट ने बताया कि नवीनतम शुल्क नीतियों में बदलाव के परिणामस्वरूप वित्तीय बाजारों में अस्थिरता के प्रभाव आ सकते हैं। केंद्रीय बैंक ने लगातार दो समीक्षाओं में प्रमुख नीतिगत दरों में कटौती की है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में और भी मजबूती आ सकती है। रिपोर्ट में ब्याज दर के मामले में भी ध्यान दिया गया है और बताया गया है कि बैंकों को जोखिमों से निपटने की जरूरत है, खासकर मुनाफा मार्जिन में कमी को ध्यान में रखते हुए। आरबीआई ने व्यापार समझौतों और बातचीत के माध्यम से प्रभावों को संभालने की सलाह दी है, जिससे नए वित्त वर्ष में चालू खाता घाटा प्रबंधनीय हो सके। सतीश मोरे/29मई ---