क्षेत्रीय
29-May-2025
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खेती को लाभ का धंधा बनाने किसान नवीन तकनीकों, एवं नवाचारों को अपनाएं-विधायक जयसिंह मरावी किसान अभियान के माध्यम से खेती में आने वाली समस्याओं का प्राप्त करें निदान-कृषि वैज्ञानिक डॉ. मृगेन्द्र सिंह किसान डीएपी की जगह करें एनपीके उर्वरक का प्रयोग- उप संचालक कृषि शहडोल( ईएमएस) ।विकसित कृषि संकल्प अभियान का जिला स्तरीय शिविर बुढ़ार जनपद पंचायत के ग्राम सेमरा में विधायक जैतपुर जयसिंह मरावी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर विधायक जैतपुर ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए संकल्पित है। हमें खेती की लागत को कम करने के लिए जहां नवीन तकनीकों तथा नवाचारों को अपनाने के जरूरत है, वहीं मिट्टी की गुणवत्ता, संतुलित उर्वरक का उपयोग बीजों का चयन के बारे में भी जागरूक होना होगा। खेती के काम समय पर पूरे हों तथा किसी भी समस्या के आने पर कृषि वैज्ञानिकों की सलाह लेकर हम समस्या का निजात कर सकते हैं। खेती के साथ-साथ मत्स्यपालन, पशुपालन, उद्यानिकी फसलें लेने से किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। कार्यक्रम में उप संचालक कृषि आरपी झारिया, कृषि विज्ञान केन्द्र के समन्वयक, कृषि वैज्ञानिक डॉ. मृगेन्द्र सिंह, कृषि वैज्ञानिक डॉ. बीके , सहायक अभियंता कृषि अभियांत्रिकी रीतेश पयासी, सहायक संचालक कृषि रामेन्द्र सिंह, सीईओ जनपद पंचायत बुढ़ार राजीव लघाटे, एपीओ दिवाकर सिंह, रिलायंस सीएसआर हेड रंजीत श्रीवास्तव, जनपद उपाध्यक्ष बुढ़ार हर्ष प्रताप सिंह,किसान संघ के अध्यक्षक रविकांत त्रिपाठी, नर्मदा साहू, राहुल सिंह, यशोदा सिंह, ग्राम पंचायत सरपंच सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे। कृषि वैज्ञानिक डॉ. मृगेन्द्र सिंह ने कहा कि खेती के समय आने वाली समस्याओं के निदान के लिए शासन द्वारा गांव-गांव में यह अभियान शुरू किया गया है। किसान अपनी समस्याएं बताकर निदान प्राप्त कर सकते हैं। उन्होनें कहा कि प्राकृतिक खेती एंव जैविक खेती सबसे ज्यादा लाभकारी है। आपने हाईब्रिड धान बीज का उपयोग कम से कम करने तथा शहडोल जिले में जेआर 206, जेआर 81 जैसी धान की किस्मों का प्रयोग करने की सलाह दी। आपने कहा कि गोबर की खाद को पूरे खेत में फैलाने की जगह इस तरह से उपयोग करें कि फसलों को पर्याप्त जैविक खाद मिल सके। उचहन क्षेत्रों में दलहन एवं तिलहन की फसलें लगाएं। गोबर खाद को पकाने के लिए वायोडाईजस्टर का उपयोग करें। उप संचालक कृषि आरपी झारिया ने बताया कि जिले में रासायनिक उर्वरक सभी सहकारी समितियों तथा 5 डबल लॉक केन्द्रों में उपलब्ध है। जो किसान सहकारी समितियों के सदस्य हैं, रासायनिक उर्वरक वहां से प्राप्त करें। डबल लाक केन्द्रों से किसान नगदी में उर्वरक खरीद सकते हैं। आपने कहा कि शहडोल जिले में किसान डीएपी के प्रयोग को प्रमुखता देते हैं जबकि एनपीके उर्वरक इससे ज्यादा उपयोगी तथा प्रभावी है। आपने किसानों से आग्रह किया हैं कि डीएपी की जगह एनपीके का उपयोग प्रमुखता से करें। किसान संघ के अध्यक्षक रविकांत त्रिपाठी ने कहा कि खेती से लाभ प्राप्त करने के लिए खेती को व्यवसाय के रूप में अपनाना होगा। सभी किसान मिलकर ऐरा प्रथा का निदान स्वयं कर सकते हैं। जनपद पंचायत उपाध्यक्ष हर्ष सिंह ने कहा कि खेती में पानी का बहुत अधिक महत्व है। हम सबको जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य में सहभागी बनना चाहिए तथा सिंचाई के लिए पानी की सुविधा की व्यवस्था भी करना चाहिए। कृषि वैज्ञानिक डॉ बीके प्रजापति ने कहा कि वर्षा आरंभ होने के बाद हर बखर चलाकर खेत को समतल कर लेना चाहिए। स्थानीय मिट्टी एवं जलवायु के अनुरूप बीज का चयन करना चाहिए। मिट्टी का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर आवश्यकता अनुसार उर्वरक का उपयोग करना चाहिए। कीटनाशकों का कम से कम उपयोग करना चाहिए। इस अवसर पर कृषि अभियांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री रीतेश पयासी ने कृषि यंत्रों के उपयोग तथा ऑनलाइन आवेदन करने पर मिलने वाले अनुदान की जानकारी दी। शिविर में पशुपालन विभाग, उद्यानिकी विभाग, मत्स्यपालन विभाग के मैदानी अमले द्वारा शासन द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी गई। धीरेंद्र निगम, 29 मई, 2025