अंतर्राष्ट्रीय
01-Jun-2025
...


यरूशलम (ईएमएस)। शोधकर्ताओं ने इम्यून सिस्टम के ऐसे खास सेल्स खोजे हैं, जो शरीर को भोजन से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। इस खोज से पता चला है कि हमारा शरीर खाने को कैसे हानिरहित मानता है और उस पर हमला क्यों नहीं करता। इसे ‘ओरल टॉलरेंस’ कहा जाता है, जो खाने से होने वाले सूजन और संक्रमण से बचाव करती है। वाइजमैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के शोधकर्ताओं की यह खोज खाने से जुड़ी एलर्जी, संवेदनशीलता और सीलिएक रोग जैसे मामलों के नए इलाज खोजने में मददगार साबित हो सकती है। अब तक वैज्ञानिकों का मानना था कि ‘डेंड्राइटिक कोशिकाएं’ इस प्रक्रिया की जिम्मेदार होती हैं, लेकिन हाल के अध्ययन में यह पता चला कि जब इन कोशिकाओं को हटाया गया, तब भी शरीर भोजन को स्वीकार करता रहा। डब्‍ल्‍यूआईएस के शोधकर्ताओं ने एक नई कोशिका समूह ‘आरओआर-गामा-टी कोशिकाएं’ की पहचान की है, जो असल में इस प्रक्रिया को नियंत्रित करती हैं। ये दुर्लभ कोशिकाएं चार अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं को सक्रिय करती हैं, जो मिलकर शरीर की उन हमलावर कोशिकाओं (सीडी8 कोशिकाएं) को रोकती हैं, जो भोजन पर हमला कर सकती थीं। इस प्रणाली के काम करने में कोई गड़बड़ी हो तो शरीर खाद्य एलर्जी या अन्य बीमारियों से ग्रस्त हो सकता है, जैसे ग्लूटेन पर होने वाला हमला। शोध में यह भी पाया गया कि संक्रमण के दौरान प्रतिरक्षा प्रणाली अस्थायी तौर पर इस ‘फूड टॉलरेंस’ को दरकिनार कर सकती है ताकि सूक्ष्मजीवों से लड़ाई में सहायता मिल सके। शोधकर्ताओं ने बताया कि प्रतिरक्षा प्रणाली में कार्यों का विभाजन पहले से कहीं अधिक जटिल है। डेंड्राइटिक कोशिकाएं हमेशा यह तय नहीं करतीं कि बाहरी तत्वों पर हमला करना है या नहीं। बल्कि, कुछ अन्य खास कोशिकाएं होती हैं, जो यह सुनिश्चित करती हैं कि हम भोजन को सुरक्षित रूप से ग्रहण कर सकें। सुदामा/ईएमएस 01 जून 2025