पानी में स्ट्रेचर, बुलडोजर पर लोग, उफान पर नदियां... सिक्किम में मिलिट्री कैंप पर लैंडस्लाइड, 3 की मौत, 6 जवान लापता, बारिश-बाढ़ से अब तक 37 की जान गई -असम में 3.64 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित, ब्रह्मपुत्र और बराक समेत 10 प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही नई दिल्ली(ईएमएस)। पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश ने करीब-करीब तबाही मचा रखी है। नागरिकों की रोजमर्रा की जिंदगी बेहाल नजर आ रही है। बारिश के कारण बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाओं में अब तक 37 लोगों की जान गई है। इसमें असम में 10, अरुणाचल प्रदेश में 9, मिजोरम में 5 और मेघालय में 6 मौतें शामिल हैं। सिक्किम में अक्टूबर, 2023 को बादल फटने के बाद तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने से 18 लोगों की मौत हो गई थी। कम से कम 98 लोग लापता हो गए थे, जिसमें सेना के 22 जवान शामिल थे। इनका कुछ पता नहीं चल पाया था। असम में सोमवार को बाढ़ की स्थिति गंभीर रही क्योंकि 10 प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं और 15 से ज्यादा जिलों में 78 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। त्रिपुरा में भी रविवार को कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई और 4 जून तक अलग-अलग इलाकों में बहुत भारी बारिश होने की उम्मीद है। सिक्किम में रविवार शाम 7 बजे एक मिलिट्री कैंप भारी बारिश के बाद लैंडस्लाइड की चपेट में आ गया। इसमें 3 लोगों की मौत हो गई, जिनके शव बरामद हुए हैं। छह जवान लापता हैं। सेना ने सोमवार को घटना की जानकारी दी। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि चार लोगों को बचाया गया है, जिन्हें मामूली चोटें लगी हैं। लापता जवानों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है। मिजोरम में बंद किए गए स्कूल एजेंसी के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन, मिट्टी धंसने, चट्टानें गिरने और जलभराव की घटनाओं के कारण मिजोरम में सोमवार को सभी स्कूल बंद रहे। स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट की निदेशक एंजेला ज़ोथनपुई ने कहा कि सभी 11 जिला प्रशासनों ने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर सोमवार को स्कूल बंद करने का ऐलान किया है। जिला प्रशासन द्वारा जारी अधिसूचनाओं में कहा गया है कि स्कूल बंद करने का निर्देश भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी किए गए खतरनाक मौसम पूर्वानुमानों के बाद आया है, जिसमें राज्य के कई हिस्सों में आगे भारी बारिश और भूस्खलन, मिट्टी के बहाव और चट्टानों के गिरने सहित संभावित प्राकृतिक खतरों की भविष्यवाणी की गई है। इससे पहले, 29 मई और 30 मई को दो दिनों के लिए पूरे राज्य में स्कूल बंद कर दिए गए थे। हालांकि, बारिश नहीं हुई, लेकिन राज्य की राजधानी आइजोल में सोमवार सुबह बादल छाए रहे। राज्य आपदा प्रबंधन और पुनर्वास विभाग के अधिकारियों ने कहा कि राज्य भर में अब तक भूस्खलन या भूस्खलन और बाढ़ की वजह से 60 घर ढह गए हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 69 अन्य को खाली कराया गया है। उन्होंने बताया कि रविवार तक राज्य के तमाम इलाकों में कुल 211 भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं और 83 स्थानों पर राजमार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। राज्य बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कम से कम सात 33 केवी सब-स्टेशन क्षतिग्रस्त हो गए हैं और पूरे राज्य के एक तिहाई से ज्यादा इलाकों में बारिश के कारण बिजली आपूर्ति बाधित है। मरम्मत कार्य चल रहा है और अगर आगे बारिश नहीं हुई तो अगले दो-तीन दिनों में ऐसे क्षेत्रों में बिजली बहाल होने की उम्मीद है। राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग ने यह भी कहा कि करीब 50 जगहों पर पानी की आपूर्ति बाधित हुई है और कोलासिब और हनहथियाल कस्बों और सेरछिप जिले के केतुम गांव को पानी देने वाली पानी की पंपिंग मशीनें पानी में डूब गई हैं। आईएमडी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 24 घंटों में सेरछिप जिले में सबसे ज्यादा 10.46 सेमी बारिश हुई, उसके बाद कोलासिब (9.83 सेमी) और आइजोल (9.74 सेमी) का स्थान रहा। लोगों के बीच बांटे जा रहे खाद्य पदार्थ असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (्रस्ष्ठरू्र) की रविवार रात की रिपोर्ट में कहा गया है कि कछार और श्रीभूमि जिलों में दो और लोगों की जान चली गई और 15 जिलों में करीब चार लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। इस साल बाढ़ और भूस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों की कुल संख्या बढक़र 10 हो गई है। इसमें कहा गया है कि कछार सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां एक लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं, इसके बाद श्रीभूमि में 85,000 और नागांव में 62,000 लोग प्रभावित हुए हैं। प्रशासन 12 जिलों में 155 राहत शिविर और राहत वितरण केंद्र चला रहा है, जहां फिलहाल 10,272 विस्थापित लोगों की देखभाल की जा रही है। मणिपुर में 19 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित मणिपुर में नदियों के उफान पर होने और तटबंधों के टूटने के कारण आई बाढ़ से 19 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि पिछले चार दिनों में लगातार मूसलाधार बारिश के बाद आई बाढ़ से 3,365 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 19,811 लोग प्रभावित हुए हैं। अपने घरों और इलाकों से निकाले गए लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए 31 राहत शिविर खोले गए हैं, जिनमें से ज्यादातर इंफाल पूर्वी जिले में हैं। पिछले चार दिनों में सूबे के कई इलाकों में 47 भूस्खलन की घटनाएं भी हुई हैं। अधिकारियों ने बताया कि खुरई, हेइंगंग और चेकोन इलाकों में उफनती नदी के तटबंधों को तोडक़र बहने के बाद राज्य की राजधानी इंफाल के कई इलाके और इंफाल पूर्वी जिले के कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं। विनोद उपाध्याय / 02 जून, 2025