-भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में चीनी मिसाइलों को किया था ध्वस्त बीजिंग,(ईएमएस)। क्या चीन ने पाकिस्तान को घटिया हथियार देकर धोखा दिया है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि चीन ने खुद मान लिया है कि उसने पाकिस्तान को हल्की क्वालिटी वाले हथियार दिए थे। बता दें भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस जैसी ताकतवर और स्वदेशी मिसाइलों से पाकिस्तान पर हमला किया था। इससे दुनिया को भारत की सैन्य ताकत का अहसास हुआ। वहीं पाकिस्तान ने जवाब में चीन के हथियारों का इस्तेमाल किया, लेकिन वह भारतीय ठिकानों तक नहीं पहुंच सकी। चीन की मिसाइलें फेल हो गईं और उसकी साख को झटका लगा। अब दुनिया में उसके हथियारों की पोल खुलने के बाद चीन अब सफाई दे रहा है कि पाकिस्तान को जो मिसाइलें दी थीं, वे सिर्फ निर्यात के लिए बनी थीं, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह बहाना सिर्फ डर छुपाने के लिए है। पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने के लिए चीन की पीएल-15 एयर-टू-एयर मिसाइल दागी थी, लेकिन वह निशाना चूक गई और भारत में गिर गई। अब उसका मलबा भारत के पास है और यही बात चीन को सबसे ज्यादा परेशान कर रही है। वजह ये है कि अब चीन के दुश्मन देश उस मिसाइल की कमजोरियों को समझ सकते हैं। पीएल-15 मिसाइल जिसे चीन अपने सबसे ताकतवर हथियारों में से एक मानता है, अब सवालों के घेरे में है। वहीं सवाल यह भी है कि क्या चीन ने पाकिस्तान के साथ धोखा किया और उसे आधी-अधूरी टेक्नोलॉजी वाली मिसाइलें थमा दी? या फिर वह अब अपनी इज्जत बचाने के लिए सफाई दे रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय ठिकानों पर भी हमले किए जिसे भारत ने नाकाम कर दिया। इस दौरान पाकिस्तान ने चीन की पीएल-15 मिसाइल दागी, लेकिन मिसाइल का मलबा भारत के हाथ लग गया। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता से जब इस बारे में सवाल किया गया था तो उन्होंने ऐसा जवाब दिया जिससे चीन-पाकिस्तान की दोस्ती ही सवालों के घेरे में आ गई। चीन के प्रवक्ता ने कहा था कि ये तो बस निर्यात करने वाला माल है, जिसे पहले भी कई रक्षा प्रदर्शनियों में दिखाया गया है, लेकिन सवाल अभी भी वही है कि क्या चीन ने पाकिस्तान को ‘नकली ताकत’ दी? या फिर वह दुनिया को दिखाना चाहता है कि उसकी असली ताकत अभी ‘पर्दे के पीछे’ छिपी है? चीन की यह मिसाइल मिलना एक बड़ी कामयाबी है। इस मलबे की खबर ने अब ताइवान, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों की नींद उड़ा दी है। ताइवान तो खास तौर पर इस मलबे के पीछे पड़ा है, क्योंकि उसे हर दिन चीन के जे-20 और जे-10सी जैसे फाइटर जेट्स की धमकियां झेलनी पड़ती हैं। मलबे की रिवर्स इंजीनियरिंग करके पीएल-15 की ताकत और कमजोरियों का राज खुल सकता है, जो ताइवान और बाकी देशों के लिए ‘जैकपॉट’ साबित हो सकता है और चीनी की धमकियां फुस्सी बम की तरह साबित होंगी। सिराज/ईएमएस 01 जून 2025