नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर पर बात करते हुए कहा है कि भविष्य में नॉन कॉन्टैक्ट वॉर ही होने है। उन्होंने कहा कि अब आने वाला समय ऐसा ही है, जिसमें सेनाएं आमने सामने नहीं होंगी और जंग भी हो जाएगी। इसके तहत जल, थल और वायु में लड़ाई होगी ही, इसके अलावा रणनीति, हाइब्रिड वारफेयर, प्रोपेगेंडा जैसी चीजें भी इसका हिस्सा होंगी। उन्होंने कहा कि इसतरह हमें मॉडर्न वारफेयर को भी समझना होगा। उन्होंने कहा कि नेटवर्क सेंट्रिक वारफेयर के बारे में भी हमें बात करनी होगी। इसके अलावा साइबर वारफेयर पर भी चर्चा करनी होगी। सीडीएस चौहान ने कहा कि इसकी भूमिका सीमित है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान साइबर अटैक की भी कोशिशें हुईं, लेकिन मोटे तौर पर कोई असर नहीं हुआ। इसके अलावा हमारी वायुसेना और उसकी तकनीक इतनी मजबूत थी कि हमारे ऊपर पाकिस्तान की ओर से किए जाने वाले हवाई हमलों का कोई असर नहीं हुआ। दरअसल भविष्य की जंगों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार बात करते रहे हैं। वहीं देश के पहले सीडीएस दिवंगत जनरल बिपिन रावत भी ढाई मोर्चे की जंग एक थ्यौरी दी दे चुके थे। उनका कहना था कि चीन हमारे लिए पहला खतरा है और दूसरा खतरा पाकिस्तान है। इसके बाद आधा मोर्चा देश की आंतरिक सुरक्षा है। दरअसल बीते कुछ सालों में युद्ध की प्रकृति में बड़ा बदलाव आया है। अब हाइब्रिड वारफेयर का इस्तेमाल बढ़ा है। क्या है नॉन-कॉन्टैक्ट वारफेयर नॉन-कॉन्टैक्ट वारफेयर एक आधुनिक युद्ध की रणनीति है, इसमें दुश्मन के साथ प्रत्यक्ष शारीरिक संपर्क में आए बिना नुकसान पहुँचाया जाता है या युद्ध लड़ा जाता है। इसमें पारंपरिक युद्ध (जैसे आमने-सामने की लड़ाई) के बजाय आधुनिक तकनीकों, साइबर साधनों, और दूर से संचालित हथियारों का प्रयोग होता है। नॉन कॉन्टैक्ट वारफेयर की प्रमुख विशेषताएं प्रत्यक्ष टकराव नहीं होता, सैनिक आमने-सामने नहीं लड़ते। नॉन कॉन्टैक्ट वारफेयर में तकनीकी साधनों का प्रयोग होता हैं, जैसे ड्रोन, मिसाइलें, साइबर अटैक आदि। साइकोलॉजिकल वॉरफेयर इसमें अफवाहें, झूठी खबरें फैलाकर मानसिक दबाव डालने की कोशिश होती है। साइबर वॉरफेयर इसमें दुश्मन देश के संचार तंत्र, नेटवर्क या इंफ्रास्ट्रक्चर को हैक या डिसेबल कर दिया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में रडार, जीपीएस, या अन्य सिग्नलों को बाधित करना। इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर में सूचना के नियंत्रण और प्रचार से प्रभाव डालना। क्या हैं ऐसी जंग के फायदे अपने सैनिकों की जान को जोखिम में डाले बिना दुश्मन को नुकसान पहुँचना। युद्ध को अधिक सटीक और लक्षित बनाना। आशीष/ईएमएस 03 जून 2025