नई दिल्ली (ईएमएस)। बीते साल रेमल तूफान ने बंगाल से लेकर बांग्लादेश तक भयानक तबाही मचाई थी। तूफान के बाद तबाही का एक भयानक मंजर देखने को मिला, गांव के गांव डूब गए। ऐसा पहली बार नहीं था जब बंगाल की खाड़ी में पैदा हुए तूफान ने तबाही मचाई हो इस तरह के तूफान बंगाल की खाड़ी में आते रहे हैं। बंगाल की खाड़ी दुनिया के उन समुद्रों में आता है जहां सबसे ज्यादा तूफान बनते हैं। हम आपको बताते हैं कि आखिर बंगाल की खाड़ी में इतने तूफान क्यों आते हैं और हिंद महासागर में तूफान क्यों नहीं आता। दरअसल साल 1891 से 2019 तक बंगाल की खाड़ी में कुल 522 तूफान उठे हैं। अगर हर साल का एक औसत के हिसाब से यहां हर साल औसतन 4 तूफान बनते हैं। सबसे घातक तूफानों की बात करें तब 129 सालों के भीतर 234 तबाही ला देने वाले तूफान बनते हैं। इसकारण बंगाल की खाड़ी में बनने वाले तूफान इसे दुनिया का सबसे खतरनाक समुद्र बनाता है। अगर हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी को मिला दें,तब दुनिया का 7 प्रतिशत तूफान दोनों समुद्रों में बनता है। भारत में आने वाले 100 समुद्री तूफानों में सिर्फ 86 प्रतिशत बंगाल की खाड़ी में आता हैं। हिंद महासागर की तुलना में बंगाल की खाड़ी के अंदर इसलिए ज्यादा तूफान आते हैं, क्योंकि इसके हवा का बहाव अलग है। हिंद की तुलना में बंगाल की खाड़ी का मौसम ज्यादा गर्म होता है और ठंडे समुद्र की तुलना में गर्म पानी वाले समुद्र में ज्यादा तूफान आते हैं। बंगाल की खाड़ी में जो तूफान उठते हैं उसका सबसे ज्यादा असर उड़ीसा में दिखाता है। उडीसा के अलावा असर आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु पर भी होता है। बंगाल की खाड़ी की सतह का तापमान पूरे साल 27 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहता है यह चक्रवात पैदा करने के सक्षम होता है। गर्म पानी से भाप बनती है, जिससे हवा ऊपर उठती है और कम दबाव का क्षेत्र बनता है जो चक्रवात को जन्म देता है। आशीष/ईएमएस 03 जून 2025