मुंबई,(ईएमएस)। मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सोमवार रात एक बड़ी सुरक्षा चूक उस समय टल गई जब इमिग्रेशन जांच के दौरान दो बांग्लादेशी नागरिक फर्जी भारतीय पासपोर्ट के साथ पकड़े गए। सहार पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ प्रारंभ कर दी है। हवाई अड्डे से गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान सुब्रतो मंडल और मीता गौरपद बिस्वास के रूप में हुई है। आरोपी मूल रूप से बांग्लादेश के खुलना और गोपालगंज जिलों के रहने वाले हैं। पुलिस के अनुसार, ये दोनों करीब छह साल पहले पश्चिम बंगाल के रास्ते अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे और कोलकाता में रह रहे थे। मुंबई पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि नबोनिता नामक एजेंट कौन है और उसने किन-किन अन्य मामलों में फर्जी दस्तावेज बनवाए हैं। साथ ही, यह भी पड़ताल की जा रही है कि क्या इस पूरे नेटवर्क का संबंध किसी बड़े मानव तस्करी गिरोह से है। कैसे हुआ भंडाफोड़? 1 जून की रात करीब 12:30 बजे यह दंपति अपने बच्चों के साथ जेद्दा जाने के लिए मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे थे। उन्हें 2:30 बजे की फ्लाइट पकड़नी थी और योजना थी कि जेद्दा से होते हुए वे नॉर्वे चले जाएं। इमिग्रेशन जांच के दौरान उमेश दत्तात्रेय निंबालकर नामक अधिकारी को उनके पासपोर्ट पर संदेह हुआ। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे भारतीय नहीं, बांग्लादेशी नागरिक हैं। कैसे बनाया फर्जी पासपोर्ट? जांच में पता चला कि इस दंपति ने 2024 में जाली दस्तावेजों के जरिए अपने और अपने बच्चों के लिए भारतीय पासपोर्ट बनवाया था। कोलकाता में रहने के दौरान उन्होंने नबोनिता नाम की एक एजेंट की मदद से यह पासपोर्ट हासिल किया। उनका एक बच्चा 2023 में कोलकाता में ही जन्मा था। इमिग्रेशन अधिकारियों के निर्देश पर जब दोनों ने बांग्लादेश में अपने रिश्तेदारों से संपर्क किया, तो उनकी असली पहचान की पुष्टि हो गई। इसके बाद अधिकारियों ने उन्हें सहार पुलिस के हवाले कर दिया। हिदायत/ईएमएस 03जून25