ज़रा हटके
05-Jun-2025
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बांदा आचेह(ईएमएस)। इंडोनेशिया के आचेह प्रांत में हाल ही में एक अजीबोगरीब और बेहद सख्त मामला सामने आया है, जिसने एक बार फिर वहां के शरिया कानून की सख्ती और सार्वजनिक सजाओं पर बहस छेड़ दी है। एक जोड़े को शादी से पहले संबंध बनाने के ‘जुर्म’ में सरेआम 100-100 कोड़े मारने की सजा दी गई। यह सजा बांदा आचेह शहर के एक पार्क में दर्जनों लोगों की मौजूदगी में दी गई। रिपोर्ट के अनुसार, पुरुष और महिला को रतन की छड़ी से 10-10 के सेट में बारी-बारी से कोड़े मारे गए। महिला पर कोड़े चलाने की जिम्मेदारी महिला अधिकारी को दी गई, ताकि शरिया प्रोटोकॉल का पालन किया जा सके। इंडोनेशिया में सिर्फ आचेह ऐसा प्रांत है, जहां इस्लामिक शरीया कानून पूरी सख्ती से लागू है। यहां व्यभिचार, समलैंगिक संबंध, शराब, जुआ जैसे मामलों में शारीरिक दंड का प्रावधान है। हालांकि 2022 में इंडोनेशिया में राष्ट्रीय स्तर पर शादी से बाहर संबंधों को अवैध घोषित किया गया था, लेकिन वह कानून 2025 से लागू होगा। ह्यूमन राइट्स वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे संगठनों ने इस तरह की सजा को मानव गरिमा के खिलाफ और अपमानजनक बताया है। लेकिन स्थानीय जनता का एक बड़ा हिस्सा अब भी इन सजाओं का समर्थन करता है, जिससे यह प्रथा आज भी जारी है। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि यह सब पब्लिकली हुआ, लोगों की मौजूदगी में। भीड़ तमाशा देख रही थी, कुछ इसे ‘नैतिक सबक’ मान रहे थे, तो कुछ मोबाइल में रिकॉर्डिंग कर रहे थे। शहर की मेयर इलिजा सआदुद्दीन जमाल ने खुद यह बयान दिया, आज हम व्यभिचार, शराब पीने और ऑनलाइन जुआ खेलने वालों को कोड़े मारने की सजा दे रहे हैं। यह समाज के लिए एक नैतिक सबक है। यही पश्चाताप की राह बनाता है। जुआ और शराब वालों को 49-49 कोड़े इस जोड़े के अलावा, तीन और लोगों को 49-49 कोड़े मारे गए, जिन पर जुए और शराब के सेवन का आरोप था। स्थानीय प्रशासन ने इन सजाओं को समाज को सुधारने का तरीका बताया और कहा कि “शरीया कानून हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों की रक्षा करता है। इस सार्वजनिक दंड से पहले वहां मेडिकल टीमों को तैनात किया गया, ताकि सजा के दौरान किसी की तबीयत बिगड़े तो तुरंत इलाज मिल सके। लेकिन सवाल यह है कि जब सजा का तरीका ही दर्द और अपमान पर आधारित हो, तो मेडिकल देखभाल किस हद तक राहत दे सकती है? वीरेंद्र/ईएमएस/05जून2025