व्यापार
06-Jun-2025


20 साल में 20 लाख के लोन पर करीब 1.48 लाख का फायदा मुंबई(ईएमएस)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बैंकों को दिए जाने वाले कर्ज की दर यानी रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की कटौती की है। अब रेपो रेट 5.50 प्रतिशत रह गया है। इससे बैंकों को आरबीआईसे कम ब्याज पर कर्ज मिलेगा। ब्याज में इस कटौती को बैंक अपने ग्राहकों को ट्रांसफर करते हैं, तो आने वाले दिनों में लोन सस्ते हो सकते हैं। लोन सस्ते होने पर लोगों की मौजूदा ईएमआई भी घट जाएगी। ब्याज दरों में कटौती का फैसला मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी की 4 से 6 जून तक चली मीटिंग में लिया गया। आरबीआईगवर्नर संजय मल्होत्रा ने आज 6 जून की सुबह इसकी जानकारी दी। ब्याज में कटौती का असर उदाहरण से समझें आरबीआईजिस रेट पर बैंकों को लोन देता है उसे रेपो रेट कहते हैं। महंगाई कंट्रोल करने के लिए इसे बढ़ाया-घटाया जाता है। ताजा कटौती के बाद 20 साल के लिए लिए गए 20 लाख के लोन पर करीब 1.48 लाख का फायदा मिलेगा। इसी तरह 30 लाख के लोन पर 2.22 लाख का फायदा होगा। नए और मौजूदा ग्राहकों दोनों को इसका फायदा मिलेगा। इस साल 3 बार घटा रेपो रेट, 1 प्रतिशत की कटौती हुई आरबीआईने फरवरी में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की ओर से ये कटौती करीब 5 साल बाद की गई थी। दूसरी बार अप्रैल में हुई मीटिंग में भी ब्याज दर 0.25 प्रतिशत घटाई गई। अब तीसरी बार दरों में कटौती हुई है। यानी, मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने तीन बार में ब्याज दरें 1 प्रतिशत घटाई हैं। रेपो रेट के घटने से हाउसिंग डिमांड बढ़ेगी रेपो रेट घटने के बाद बैंक भी हाउसिंग और ऑटो जैसे लोन्स पर ब्याज दरें कम करते हैं। ब्याज दरें कम होने पर हाउसिंग डिमांड बढ़ेगी। ज्यादा लोग रियल एस्टेट में निवेश कर सकेंगे। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। सीआरआर घटने से 2.5 लाख करोड़ फाइनेंशियल सिस्टम में आएंगे आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि कैश रिजर्व रेश्यो(सीआरआर) में 1 प्रतिशत की कटौती करके इसे 4.00 प्रतिशत से घटाकर 3.00 प्रतिशत करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई के इस कदम से 2.5 लाख करोड़ फाइनेंशियल सिस्टम में आएंगे। सीआरआर वो पैसा है जो बैंकों को अपने कुल जमा का एक हिस्सा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास रखना होता है। इससे आरबीआईये कंट्रोल करता है कि बाजार में कितना पैसा रहेगा। अगर सीआरआर कम होता है, तो बैंकों के पास लोन देने के लिए ज्यादा पैसा बचता है, जैसे इस बार 1 प्रतिशत की कटौती से 2.5 लाख करोड़ रुपए सिस्टम में आएंगे। विनोद उपाध्याय / 06 जून, 2025