राज्य
06-Jun-2025
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स्कूटर पर ढोया गया करोड़ों का धान - जिला प्रशासन ने करीब 40 मिलर्स को नोटिस जारी कर मांगा जवाब जबलपुर ( ईएमएस)। मप्र में समर्थन मूल्य पर अनाजों की खरीदी और उनके परिवहन में हर साल करोड़ों रूपए का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। एक फिर बड़ा घोटाला सामने आया है। यह घोटाला धान के परिवहन से जुड़ा हुआ है। जबलपुर में धान के परिवहन में बड़ा घोटाला आने के बाद हडक़ंप मच गया है। जांच में पता चला कि कुछ राइस मिलर्स ने धान की ढुलाई के लिए ट्रकों की बजाय स्कूटर, ऑटो और अन्य छोटे वाहनों के नंबर दर्ज किए हैं। मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने करीब 40 मिलर्स को नोटिस जारी किया है। पहले चरण की जांच में जबलपुर जिले से बाहर भेजे गए धान की परिवहन व्यवस्था में गड़बड़ी पाई गई थी, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। अब जिले के भीतर धान की ढुलाई की जांच राजस्व विभाग के एसडीएम को सौंपी गई। जबलपुर, रांझी, शहपुरा, सिहोरा और पाटन के एसडीएम ने 44 से ज्यादा राइस मिलर्स के रिकॉर्ड खंगाले। सूत्रों के अनुसार करीब 20 ऐसी राइस मिलें हैं जिन्होंने एक करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के धान के परिवहन में गलत नंबर दिखाए हैं। पहले हुई जांच में इन मिलर्स को क्लीन चिट दे दी गई थी, लेकिन वाहन नंबरों की गड़बड़ी की जांच पहले नहीं की गई थी। कलेक्टर ने मांगा जवाब जांच में यह हैरान करने वाली बात सामने आई कि कई मिलर्स ने वेयरहाउस से धान लाने के लिए जिन वाहनों का जिक्र किया, उनके नंबर गलत निकले। कुछ मामलों में जिन वाहनों का नंबर सही था, वे वाहन इतने बड़े नहीं थे कि धान की बड़ी खेप को ला सकें। कुछ नंबर स्कूटर, ऑटो या हाइवा के निकले, जिनका धान की ढुलाई से कोई लेना-देना नहीं। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इन अनियमितताओं पर संज्ञान लेते हुए करीब 40 मिलर्स को नोटिस जारी किया है और स्पष्टीकरण मांगा है कि गलत वाहन नंबर क्यों दिए गए। घोटाले की जांच तीन चरणों में की गई। पहले चरण में परिवहन के लिए दर्ज वाहनों के नंबरों की जांच हुई। दूसरे चरण में पता चला कि दिए गए वाहन नंबर सही हैं, लेकिन उन वाहनों से इतनी मात्रा में धान लाना संभव नहीं है। तीसरे चरण में वाहन की क्षमता और दर्ज धान की मात्रा का मिलान किया गया। कई मामलों में जहां वाहन की क्षमता 20-24 क्विंटल थी, वहां 43 क्विंटल धान दिखाया गया। अब सवाल यह है कि क्या यह गड़बड़ी जानबूझकर मिलर ने की या फिर कंप्यूटर ऑपरेटर से गलती हुई? इसी को जानने के लिए नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। गड़बड़झाला छिपाने लगाई आग! जबलपुर में एक वेयरहाउस में बाहर रखी धान में अचानक आग लग गई। बताया जा रहा है कि समिति पर 1 करोड़ 29 लाख की धोखाधड़ी का मामला चल रहा है। इस गड़बड़झाला को छिपाने के लिए आग लगाने की बात सामने आ रही है। वहीं केंद्र प्रभारी और समिति प्रबंधक फरार है। फिलहाल पुलिस आग के कारणों का पता लगाने में जुटी जुटी हुई है। यह पूरा मामला कटंगी के गुरुजी वेयरहाउस का है। कटंगी समिति के गुरुजी वेयरहाउस में बाहर रखी धान में अचानक आग लग गई। आग कैसे लगी, इसका कारण अब तक पता नहीं लग पाया है। बताया जा रहा है कि समिति पर एक करोड़ 29 लाख की धोखाधड़ी का मामला चल रहा है। फर्जीवाड़े के चलते कई किसानों को भुगतान होना बाकी है। इस बड़े गड़बड़झाले को छिपाने के लिए आग लगाने की बात सामने आ रही है। वहीं वेयरहाउस के केंद्र प्रभारी और समिति प्रबंधक अभी फरार है। वेयरहाउस में आग लगी या लगाई गई है, इसके कारणों का पता लगाया जा रहा है। फिलहाल कटंगी पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।