गडग(ईएमएस)। कर्नाटक के गडग जिले के हरोगेरी गांव में तीन दलित नाबालिग लड़कों को एक झंडे के खंभे से बांधकर 60 लोगों की भीड़ ने बुरी तरह पीटा। कथित तौर पर ऊंची जाति के ग्रामीणों की भीड़ ने दलित लड़कों पर हमला किया। यह मामला तब सामने आया जब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिससे राज्यभर में आक्रोश फैल गया। नरगुंड थाने के निरीक्षक बी मंजीनाथ ने बताया, यह घटना अश्लील मैसेज भेजने के आरोप से शुरू हुई थी। हमने 30 मई को एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम और बीएनएस की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि चार और आरोपियों को शुक्रवार को पकड़ा गया। कई आरोपी अभी भी फरार हैं। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत भी एक अलग मामला दर्ज किया है, जिसमें 30 लोगों को आरोपी बनाया गया है। पीड़ितों के परिजनों का कहना है कि जब वे अपने बच्चों को बचाने पहुंचे, तो उन्हें भी धमकाया गया और गांव से भगा दिया गया। एक माता-पिता ने कहा, हमारे गांव में आज भी छुआछूत जिंदा है। हमारे साथ रोजाना भेदभाव होता है। यह घटना उसी की एक भयानक मिसाल है। पुलिस के अनुसार, इन लड़कों पर एक उच्च जाति की लड़की को अश्लील संदेश भेजने का आरोप लगाया गया था। इसी आरोप के आधार पर, ग्रामीणों की भीड़ ने ग्राम पंचायत के झंडे के खंभे से लड़कों को बांध दिया और उन्हें रस्सियों, चप्पलों और डंडों से बेरहमी से पीटा। इस हमले से आहत एक नाबालिग ने आत्महत्या का प्रयास किया। उसने जहर खा लिया और उसे हबल्ली के किम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पहले इस मामले को दबाने की कोशिश की गई थी और कुछ समुदाय के नेताओं ने समझौते का प्रयास भी किया। लेकिन जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, प्रशासन को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी। वीरेंद्र/ईएमएस/07जून2025 -----------------------------------