चीन के साथ तोड़ दें संबंध, कोरोना से भी बदतर खतरा... वाशिंगटन(ईएमएस)। अमेरिका में चीनी मामलों के एक प्रमुख एक्सपर्ट ने बीजिंग के साथ संबंधों को पूरी तरह से तोडऩे की अपील की है और चेतावनी दी कि अगर देश ने तेजी से कार्रवाई नहीं की तो उसे कोरोना से बदतर खतरे का सामना करना पड़ेगा। एक्सपर्ट का यह बयान अमेरिका में एक जहरीले फंगस की तस्करी के आरोप में दो चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद आया है। पिछले दिनों अमेरिका में यून्किंग जियान और जुनयोंग लियू नाम के दो चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था। इनपर अमेरिका में एक बेहद खतरनाक फंगस की तस्करी का आरोप है जो फसलों को खराब बना सकता है। दोनों चीनी नागरिकों को साजिश रचने, अमेरिका में तस्करी करने, झूठे बयान देने और वीजा धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की गतिविधियों के एक प्रमुख विश्लेषक गॉर्डन जी। चांग ने कहा कि यह अमेरिका पर हमला है, यून्किंग जियान और जुनयोंग लियू की गिरफ्तारी के बाद बात करते हुए चांग ने चेतावनी दी कि यह साज़िश कुछ और गहरी बात का संकेत देती है। उन्होंने कहा कि यह चीन की तरफ अमेरिका को अंदर से अस्थिर करने के लिए एक सीक्रेट मिशन की तरह है और इसे रोकने का एकमात्र तरीका चीन के साथ संबंध तोडऩा है। फसलों की बर्बादी की वजह अमेरिका में गिरफ्तार चीनी नागरिकों पर फ्यूजेरियम ग्रैमिनियरम नाम के खतरनाक फंगस की तस्करी का आरोप है, जो गेहूं, जौ और मकई जैसी अनाज की फसलों को खराब करता है। यह फसलों में फ्यूजेरियम हेड ब्लाइट या स्कैब नाम की बीमारी का कारण बनता है। अगर फसल में यह बीमारी लग जाए तो अनाज की गुणवत्ता खराब होती है और फसल की पैदावार भी बेहद कम हो जाती है। अमेरिकी लॉ डिपार्टमेंट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने इस फंगस को खेती और खाद्य सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा माना है और वैज्ञानिकों ने इसके इस्तेमाल को एग्रो-टेररिज्म यानी कृषि आतंकवाद कहा है। इस फंगस में खाद्यान्न की कमी, आर्थिक संकट और गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव, जिनमें लीवर डैमेज से लेकर प्रजनन संबंधी समस्याएं शामिल हैं, को ट्रिगर करने की ताकत है। अमेरिका को कमजोर करने की साजिश गिरफ्तार चीनी नागरिकों ने पहले अपने मुल्क में इस फंगस पर काम किया था और कथित तौर पर इसे अमेरिका में लाने के बाद इस पर गैर कानूनी रिसर्च को अंजाम दिया। चांग ने कहा कि यह मामला महज जैविक तस्करी की घटना नहीं है बल्कि यह माओवादी सिद्धांत पर आधारित एक व्यापक पीपुल वॉर रणनीति का हिस्सा है, जिसका मकसद दुश्मनों को राजनीतिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रूप से कमजोर और अस्थिर करना है। गॉर्डन जी. चांग ने कहा कि अगर हम तत्परता और दृढ़ संकल्प के साथ अपना बचाव नहीं करते हैं, तो हम वाकई बहुत मुश्किल में पड़ जाएंगे। सिर्फ़ कोरोना से ही नहीं, सिर्फ़ फेंटेनाइल से ही नहीं बल्कि इससे भी बदतर किसी चीज की चपेट में आने का खतरा बना हुआ है। इस बीच, चीन के साथ सभी राजनयिक और शैक्षणिक संबंधों की समीक्षा करने के लिए चांग का अपील बायो सिक्योरिटी कमजोरियों और अमेरिकी संस्थानों में विदेशी घुसपैठ के बारे में बढ़ती चिंताओं पर ध्यान खींचती है। विनोद उपाध्याय / 08 जून, 2025