मध्य प्रदेश के मंत्रियों और सड़क छाप मजनुओं में अब कोई अंतर नहीं रह गया है एक मंत्री विजयशह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर की गई सार्वजनिक टिप्पणी चर्चा में है इसी बीच एक और दादाजी की उम्र वाले मंत्री जी ने लड़कियों के कपड़ों को लेकर अपनी पसंदगी जाहिर कर दी इन दोनों मंत्रियों के विवादित बयानों को लेकर राजनीतिक क्षेत्र में काफी चर्चाएं हैं बुजुर्ग राजनेताओं का कहना है कि पहले मंत्री के बयान पर पार्टी या सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की इसी से प्रोत्साहित होकर दूसरे वरिष्ठ मंत्री ने लड़कियों के कपड़ों को लेकर अपनी पसंदगी की जाहिर कर दी। पिछले दिनों अपने निर्वाचन क्षेत्र की एक आम सभा में मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी जिसमें कहां गया है कि कर्नल सोफिया कुरैशी आतंकवादियों की बहन लगती है मंत्री विजय शाह के इस बयान को उनकी पार्टी बीजेपी या मुख्यमंत्री ने गंभीरता से नहीं लिया किंतु सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय ने फटकार अवश्य लगे इस मामले को 50 दिन से अधिक का समय हो गया किंतु विजय शाह अभी भी मंत्री पद पर विराजित है इस गंभीर प्रकरण में शाह पर कार्यवाही नहीं होने का मध्य प्रदेश में असर यह हो रहा है कि दूसरे मंत्री भी काफी वाचाल हो गए हैं और अनर्गल बयान बाजी कर रहे हैं जिसका ताजा उदाहरण वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का ताजा बयान है जिसमें लड़कियों के कपड़ों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है इसी बीच एक और मंत्री जगदीश देवड़ा ने प्रधानमंत्री के प्रति अपनी भक्ति प्रदर्शित करते हुए बयान दे दिया है कि देश व सेना दोनों ही मोदी जी के चरणों में नतमस्तक है यद्यपि यह बयान जब विवाद के रूप में परिणित हो गया तब आम राजनेता की तरह देवड़ा जी ने भी कह दिया कि मेरा भाषण तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया जो की यह एक सामान्य प्रक्रिया बन गई है किंतु एक विचारणीय प्रश्न यही है कि क्या आज के राजनेता अपनी भक्ति व निष्ठा का स्पर्धा में जुटे हैं जिसे देखो वही काफी बढ़ चढ़कर बयान बाजी कर रहा है और इस पर ना पार्टी की रोक-टोक है ना नेतृत्व की? इस प्रकार कुल मिलाकर मध्य प्रदेश में यह महसूस किया जा रहा है कि यहां सिर्फ और सिर्फ नित नई बयानबाजियां ही हो रही है जन सेवा को पूरी तरह उपेक्षित कर दिया गया है और ऐसे प्रकरणों में दिन दूनी रात चौगुनी अभिवृद्धि इसलिए हो रही है क्योंकि इस पर ना तो पार्टी नेतृत्व कोई ध्यान दे रहा है और ना ही सरकार का नेतृत्व ही और इन्हीं बयानबजियां के कारण इन दोनों मध्य प्रदेश काफी सुर्खियों में है। (यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अनिवार्य नहीं है) .../ 09 जून /2025