राष्ट्रीय
09-Jun-2025
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-2024-25 में डिफेंस एक्सपोर्ट पिछले साल के मुकाबले 12.04 फीसदी बढ़ा नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारत में स्वदेशीकरण की शुरुआत तो कई दशक पहले हो गई थी, लेकिन पिछले 11 साल में इसने इतनी रफ्तार पकड़ी कि अब भारत दुनिया के कई एलीट ग्रुप का सदस्य बन गया है। ना सिर्फ भारत अपनी सेना को स्वदेशी सैन्य उपकरणों के जरिए ताकतवर बना रहा है, बल्कि दुनिया भर के देशों को भी बेच रहा है। भारत की रफ्तार इतनी तेज है कि अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 23,622 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट पिछले साल के मुकाबले 12.04 फीसदी बढ़ा है. साल 2023-2024 में डिफेंस एक्सपोर्ट 21,083 करोड़ रुपए था, जिसमें 2,539 करोड़ का इजाफा हुआ है। भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट को 23,622 करोड़ रुपए से बढ़ाते हुए 2029 तक 50,000 करोड़ रुपए तक पहुंचाने का लक्ष्य है। अपनी जरूरतों को देश में बने हथियारों से पूरा कर रहा है। रक्षा मंत्रालय ने पॉजिटिव इंडिजिनाइजेशन लिस्ट के तहत कई हजार तरह के हथियार, उपकरण और स्पेयर पार्ट्स के इंपोर्ट पर बैन लगा दिया है। दूसरे देशों से हथियारों की खरीद करने के बजाय आज दुनिया को हथियार निर्यात कर रहा है। डीपीएसयू और प्राइवेट कंपनियों ने साल 2024-2025 में जबरदस्त प्रदर्शन किया। कुल एक्सपोर्ट का 8,389 करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट डीपीएसयू ने किया जबकि प्राइवेट कंपनियों ने 15,233 करोड़ रुपए अपनी झोली में डाले। वित्तीय वर्ष 2023-2024 में यह आंकड़ा 5,874 और 15,209 करोड़ रुपए था। डीपीएसयू डिफेंस एक्सपोर्ट में पिछली बार के मुकाबले 42.85 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने साल 2029 तक एक्सपोर्ट के आंकड़े को 50,000 करोड़ रुपए तक पहुंचाने का टार्गेट रखा है। अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा हथियार उत्पातक और निर्यातक है, फ्रांस भी कम नहीं है। अब यह दोनों देश भारत के साथ रक्षा सहयोग और उत्पाद के अलावा डिफेंस प्रोडक्ट भारत से खरीद रहा है। साल 2023-2024 में अमेरिका, फ्रांस और अर्मेनिया सबसे ज्यादा खरीद करने वाले देश थे। भारत कुल 80 देशों को आज सैन्य उपकरण और बाकी साजो-सामान बेच रहा है। दुनिया के तमाम हथियार निर्माता देश भारत के साथ जुड़ने की कोशिशों में जुटे हैं। रक्षा मंत्रालय की तरफ से वित्तीय वर्ष 2023-2024 के आंकड़े जारी किए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया था कि साल 2004 से 2014 तक जो एक्सपोर्ट मात्र 4,312 करोड़ का हुआ करता था, वह 2014-2024 में बढ़कर 88,319 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। देश में रक्षा उत्पादन पिछले 10 साल में 174 फीसदी बढ़ गया है। साल 2014-15 में जो डिफेंस प्रोडक्शन महज 46,429 करोड़ था, वह साल 2023-24 में बढ़कर 1,27,265 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। 3 लाख करोड़ के रक्षा उत्पादन का टारगेट साल 2029 तक का रखा गया है। सिराज/ईएमएस 09 जून 2025