क्षेत्रीय
12-Jun-2025


बिलासपुर (ईएमएस)। कोरबा जिला में फेरी लगाने वाले युवक द्वारा एमएससी की छात्रा के साथ को फंसा कर कथित लव जिहाद मामले में हाई कोर्ट ने कोलकोता के विवाह प्रमाण पत्र को अमान्य करते हुए प्रस्तुत बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज किया है। उक्त निर्णय चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने आज मध्यस्थता सेंटर की रिपोर्ट आने पर अपने आदेश में कहा कि, दोनों पक्ष चाहें तो नये सिरे से विवाह पर विचार कर सकते हैं । कोर्ट ने कोलकाता में हुई शादी को अमान्य करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका डिस्पोज ऑ? कर दी। याचिकाकर्ता से जमा कराए गए एक लाख रूपये भी आज वापस कर दिए जो सुरक्षा निधि के रूप में कोर्ट ने लिए थे । इस मामले में आज बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में दोबारा सुनवाई शुरू हुई । कल मंगलवार को हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को मध्यस्थता सेंटर जाने का निर्देश दिया था । इस सेंटर की रिपोर्ट आने के बाद आज सुनवाई हुई। मध्यस्थता सेंटर में दोनों पक्षों की बात ध्यान से सुनी गई , इसके बाद कहा गया कि ,स्पेशल मेरिज एक्ट के अंतर्गत विवाह का आवेदन मेरिज रजिस्ट्रार को दिया जा सकता है, इसके बाद ही यह शादी विधिवत होगी । यह रिपोर्ट अदालत में पेश होने पर कोर्ट ने युवती के कथन पर कहा कि, जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक उसे नारी शक्ति केंद्र में ही रक: जाएगा ।बहस के दौरान कोर्ट ने कहा कि, कोलकाता में हुई शादी का प्रमाणपत्र अवैधानिक है , इसलिए खारिज किया जाता है । युवती के परिजनों की ओर से उपस्थित एडवोकेट ब्रजेश सिंह ने डीबी से आग्रह किया कि, ऐसा अधिकार नहीं दिया जाए कि, कोई एक पक्ष अदालत के आदेश को आधार बनाकर अवमानना याचिका दायर कर सके । कोर्ट ने भी माना कि, मध्यस्थता केंद्र का आदेश पक्षकारों पर बंधनकारी नहीं होगा* यह बात भी सामने आई कि, परिजन बिना विवाह या उचित कानूनी प्रक्रिया के युवती को युवक के घर नहीं भेजेंगे। सुपुर्दनामे का आवेदन कोर्ट में सुनवाई के दौरान युवती के परिजनों के अधिवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि. हमने पहले ही उचित फोरम में युवती के सुपुर्दनामे का आवेदन लगा रखा है । बाद में अगर युवती अपने घर वापस आना चाहे तो आ सकेगी। पुलिस के नहीं किया कोई सहयोग मालूम हो कि कोरबा जिला निवासी एक कॉलेज छात्रा गत 21 अप्रैल 2025 को सुबह कॉलेज जाने घर से निकली और रात तक वापस नहीं आई । दुसरे दिन परिजनों ने कॉलेज व् अन्य स्थानों पर तलाश किया। दोपहर में पता चला कि, उसको कटघोरा निवासी फेरी लगाने वाले तौशीफ मेनन के साथ देखा गया है। इसके बाद कटघोरा थाने में रिपोर्ट कराई गई मगर गुमशुदा का मामला दर्ज किया गया । इसके बाद 23 अप्रैल को तौशीफ ने कोलकाता ले जाकर मस्जिद में इससे निकाह कर लिया । जब युवती ने तौशीफ के खाते में ऑनलाइन 7500 रूपये डाले तब पुलिस को पता चला । इन्हें लाया गया ।26 अप्रैल को थाने में जब युवती के परिजन पहुंचे तो उन्हें 6 घंटे बैठकर रखा गया और युवती को युवक के घर भेज दिया गया। इसके बाद थाने में जाकर हिन्दू जागरण मंच के आशीष सिंह, अखिलेश जायसवाल, सूरेश झा, स्मिता सिंह ने दबाव डाला तो पहले युवती को सखी केंद्र कोरबा में 5 दिन और उसके बाद शक्ति सदन कोरबा भेजा गया। परिजन लगातार प्रशासन से अपनी पुत्री को वापस दिलाने की मांग करते रहे । इस बीच तौशीफ ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पेश कर उसे अपनी पत्नी बताते हुए वापस सौंपने का अनुरोध किया। हाई कोर्ट ने विधिवत विवाह नहीं होने पर याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज किया है। मनोज राज/योगेश विश्वकर्मा 12 जून 2025