करीब 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान मुंबई,(ईएमएस)। अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे से बीमा कंपनियों पर बड़ा असर पड़ेगा। यह भारत में अब तक का सबसे महंगा एविएशन इंश्योरेंस क्लेम साबित हो सकता है। इंश्योरेंस सेक्टर के जानकारों का कहना है कि बीमा कंपनियों को 120 मिलियन डॉलर (करीब 1000 करोड़ रुपये) से ज्यादा का भुगतान करना पड़ सकता है। रिपोर्ट के अनुसार भुगतान में विमान की कीमत का नुकसान करीब 80 मिलियन डॉलर हो सकता है। विमान की कीमत को हल लॉस कहा जाता है। यात्रियों को मुआवजा देने में 30 से 50 मिलियन डॉलर लग सकते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यात्रियों से जुड़े दावे 100 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा हो सकते हैं। क्योंकि विमान में कई अमीर लोग सवार थे। इसलिए मुआवजे की राशि बढ़ सकती है। बात दें कि टाटा एआईजी इस बीमा पॉलिसी की मुख्य कंपनी थी। न्यू इंडिया एश्योरेंस जैसी अन्य कंपनियों ने भी इसमें हिस्सा लिया था। इस विमान का बीमा लंदन के बाजार में कराया गया था। इसमें ज्यादातर जोखिम विदेशी बीमा कंपनियों को दिया जाता है। भारत की बीमा कंपनियों जैसे टाटा एआईजी, न्यू इंडिया एश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया, ओरिएंटल और आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल ने 10 प्रतिशत से भी कम जोखिम रखा है। सरकारी रीइंश्योरेंस कंपनी जीआईसी रे के पास रीइंश्योरेंस पर 5 प्रतिशत हिस्सा है। जीआईसी रे के सीएमडी रामस्वामी नारायणन ने कहा कि घटना से विमान के पूरी तरह से नष्ट होने और लोगों की मृत्यु होने के कारण कई दावे होने है। इसतरह का नुकसान का असर कई रीइंश्योरेंस कंपनियों पर पड़ता है। क्योंकि विमान बेड़े की नीतियों को अक्सर कई कंपनियों के साथ बांटा जाता है। हालांकि नुकसान की वजह से बीमा की कीमतों पर क्या असर होगा, यह अभी कहना मुश्किल है। एलायंस इंश्योरेंस ब्रोकर्स के एविएशन बिजनेस हेड सौरव बिस्वास ने कहा कि यह किसी भारतीय एयरलाइन से जुड़ा अब तक का सबसे बड़ा दावा होगा। पहले भारत में विमान हादसे कम ही हुए हैं। साल 2010 में दुबई से आ रहा एक बोइंग 737 विमान मंगलौर में उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें 158 लोगों की जान चली गई थी। वहीं साल 2020 में कोझीकोड में हुए एक और हादसे में 21 लोगों की मौत हो गई थी। टाटा एआईजी के एक प्रवक्ता ने बताया कि एयर इंडिया के मुख्य बीमाकर्ता होने के नाते, कंपनी नजर बनाए हुए है। एक बीमा अधिकारी ने बताया कि एयर इंडिया की देनदारी की सीमा 1.5 बिलियन डॉलर तक है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक यात्री के लिए शारीरिक चोट या मृत्यु होने पर लगभग 250,000 डॉलर का मुआवजा दिया जा सकता है। आशीष दुबे / 13 जून 2025