गांधीनगर (ईएमएस)| अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान में हुई दुखद दुर्घटना में राज्य सरकार ने युद्ध स्तर पर बचाव एवं राहत कार्य चलाया, जिसमें घायलों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाना भी शामिल था। जैसे ही मुख्यमंत्री भूपेन्द्र को इस दुर्घटना की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत पूरे तंत्र को बचाव और राहत कार्यों में जुटने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस दुर्घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार को केंद्रीय एजेंसियों की मदद उपलब्ध कराई। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने अहमदाबाद में दुर्घटना स्थल और घायलों से मुलाकात की तथा राज्य सरकार को बचाव एवं राहत कार्यों के लिए दिशा-निर्देश भी दिए। 250 से अधिक सेना के जवानों, 1 रैपिड एक्शन फोर्स टीम और 3 एनडीआरएफ-एसडीआरएफ टीमों ने विमान दुर्घटना स्थल पर बचाव और राहत कार्यों की कमान संभाली। मात्र 3 मिनट की प्रतिक्रिया अवधि में अग्निशमन सेवाओं की दो टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं और 30 से अधिक लोगों को बचाया। 612 अग्निशमन कर्मियों ने 139 विभिन्न प्रकार के अग्निशमन उपकरणों के साथ विमान के मलबे में फंसे यात्रियों को निकालने तथा घायल लोगों को उपचार के लिए आसपास के क्षेत्र से बाहर निकालने में मदद की। पुलिस ने घटनास्थल पर शवों और मानव अंगों की तलाश के लिए एक विशेष डॉग स्क्वायड भी तैनात किया है। मुख्यमंत्री ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया और तत्काल उपचार सुनिश्चित करने के लिए 100 से अधिक एम्बुलेंस तैनात कीं। घायलों के इलाज के लिए अहमदाबाद सिविल अस्पताल में डॉक्टर और पैरामेडिकल टीमें तैनात थीं और स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल के प्रत्यक्ष मार्गदर्शन में घायलों का इलाज शुरू किया गया। इस दुर्घटना की अत्यधिक संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने 4 आईएएस अधिकारियों को प्रभावितों और घायलों के परिजनों को सिविल अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी है। एसईओसी में 16 डिप्टी कलेक्टर और 16 मामलतदारों सहित राजस्व प्रशासन की टीम तैनात की गई है। इसके अलावा, विमान यात्रियों के परिजनों को उचित जानकारी एवं सहायता उपलब्ध कराने के लिए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र और सिविल अस्पताल में चौबीसों घंटे नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। राज्य सरकार के सड़क एवं राजमार्ग विभाग ने दुर्घटना में प्रभावित यात्रियों के परिजनों के लिए अहमदाबाद में आवास एवं परिवहन सुविधा की भी व्यवस्था की है। दुर्घटना स्थल के आसपास के रिहायशी इलाके में मारे गए आठ लोगों के शवों की पहचान कर उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। विमान दुर्घटना के पीड़ितों के 219 रिश्तेदार अब तक डीएनए परीक्षण और रक्त के नमूने के लिए आगे आए हैं, उनके नमूने ले लिए गए हैं और इस उद्देश्य के लिए शेष सभी रिश्तेदारों के परिवारों से संपर्क किया गया है। एफएसएल की 10 टीमों के करीब 36 विशेषज्ञ इसके लिए 24X7 ड्यूटी पर हैं। इस हादसे के बाद करीब 50 लोगों को घायल अवस्था में सिविल अस्पताल लाया गया। इन घायलों में से 16 का उपचार बाह्यरोगी के रूप में तथा 31 का उपचार इनडोर रोगी के रूप में किया जा रहा है। लगभग 12 घायलों को आज शाम तक छुट्टी दे दी जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने उन जिलों और शहरों के कलेक्ट्रेट को निर्देश जारी किए, जहां विमान यात्री रह रहे थे, उनके प्रियजनों तक पहुंचे, उन्हें सांत्वना दी और संबंधित संपर्कों के लिए आवश्यक सहायता प्रदान की। संचार योजना के तहत इस त्रासदी के पीड़ितों के परिजनों को परामर्श देकर उनका मार्गदर्शन एवं मनोबल बढ़ाने के लिए विशेष टीमें गठित की जा रही हैं। राज्य सरकार ने दुर्घटना स्थल पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ काम करने के लिए नगर निगम और सड़क एवं भवन विभाग के लगभग 150 कर्मियों, 41 डम्पर-ट्रैक्टर, 16 जेसीबी और 3 उत्खनन मशीनों को स्टैंडबाय पर रखा है। इस प्रकार, स्वास्थ्य, एफएसएल, अग्निशमन, पुलिस, जिला प्रशासन और केंद्रीय एजेंसियों तथा राज्य सरकार के संबंधित विभागों के प्रमुख सचिवों के कार्यों के सुचारू समन्वय ने राज्य के आपदा प्रबंधन की उत्कृष्टता को सिद्ध किया है। सतीश/13 जून