अभागे यात्रियों को चंद सेकंडों में मौत ने लील लिया ख़ुशी खुशी जा रहे यात्री गंतव्य पहुंचने से पहले ही बेमौत मारे गए एक बार फिर लाशों का अंबार लग गया लाशों को ढापने के लिए कफ़न कम पड़ गए पल भर में जीते जागते इंसान आग में जलकर राख हो गए यह बहुत ही भीषण त्रासदी है यात्रियों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा की यह अंतिम यात्रा बन जाएगी दर्दनाक हादसा गुजरात मे हुआ जहाँ अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान बौइंग 787 ड्रीमलाईनर प्लेन उड़ान भरते ही हादसे का शिकार हो गया महज तेतिस सेकंड मे ही यह विमान क्रैश हो गया l विमान हादसे में कुल 266 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई केवल मात्र एक यात्री ही बचा है l डॉक्टरों के हॉस्टल में भी काफ़ी डॉक्टर मौत का ग्रास बन गए हैं जिसके ऊपर यह विमान गिरा था l मरने वालों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री भी काल के गाल मे समा गए विमान मे 169 भारतीय,53 ब्रिटिश और सात पुर्तगाली तथा एक कनाडाई और 12 क्रू मेंबर्स थे सभी लोग बेमौत मारे गए l एकदम जमीन पर गिरते ही विमान आग का गोला बन गया और यात्री पल भर में स्वाहा हो गए विमान हादसे से हर भारतीय सदमे मे हैं और गमगीन है l यह हादसा बहुत गहरे जख्म दे गया ज़ख्म तो भर जायेंगे पर निशान अमिट रहेंगे l लाशें क्षत विक्षत हो चुकी है जल चुकी हैं पहचान मुश्किल हो गई है l हादसे मे असमय मारे गए यात्रीयों के परिजन बदहवास होकर अपनों को ढूंढ रहे हैं चारों तरफ लाशों के चीथड़े बिखरे हुए हैं आत्मा सिहर उठती है l विमान हादसे में सेकड़ों परिवार खत्म गए अग्नि देने वाला भी नहीं बचा है l 15 साल में पहली बार बौइंग 787विमान क्रैश हुआ है l यह हादसा ताउम्र नहीं भूल पायेगा l हादसे में बच्चे अनाथ हो गए कई माता बहनों के सिंदूर मिट गया और मांग सूनी हो गईं l यह कोई पहला विमान हादसा नहीं है इससे पहले भी काफ़ी हादसे हो चुके हैं l आंकड़ो के अनुसार जनवरी.1978 को मुंबई से उड़ान भरते समय अरब सागर में गिर गया था इस विमान हादसे में 213 यात्रियों की मौत हो गईं थी l 21जून 1982 को एयर इंडिया का विमान 403 बॉम्बे हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें 17 यात्रियों की मौत हो गई थी l 19 अक्टूबर 1988 को इंडियन एयर लाइन्स का विमान 113 अहमदाबाद me दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें 133 लोग मारे गए थे l26 अप्रैल 1993 को ओरंगाबाद में विमान क्रैश होने से 55 यात्रियों की दर्दनाक मौत हुई थी l 14फरवरी 1990 को बेंगलुरु में एक एयर बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी इस दुर्घटना में 92 यात्रियों की असमय मौत हुई थी l 16 अगस्त 1991 को इंफाल में विमान दुर्घटना में 69 लोग मारे गए थे l 12 नवंबर 1996 को हरियाणा के चरखी दादरी में दो विमान टकरा गए थे इसमें 349 यात्रियों की दर्दनाक मौत हुई थी यह हादसा कजाकीस्तान के विमान पायलट की गलती से हुआ था l 17 जुलाई 2000 को पटना में उतरते समय विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था इस हादसे में 60 लोग मारे गए थे l22 मई 2010 को मंगलोर में विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था इसमें 158 लोगों की मृत्यु हुई थी l 7 अगस्त 2020 को केरल के कालिकट कोझिकोड में एक विमान दुर्घटना में 21 लोगों की मौत हुई थी l बीते वर्षो में हुई दुर्घटनाओं से सबक सीखे होते तो यह हादसा नहीं होता इतने भयावह हादसों के बाद भी मत्रालयों की निंद्रा क्यों नहीं टूट रही है यह एक यक्ष प्रशन बनता जा रहा है यदि उचित उचाय किए गए होते तो यह हादसे रुक सकते हैं लेकिन जब बड़ा हादसा हो जाता है तभी तन्द्रा टूटती है। विमान हादसे में कई घरों में मातम छा गया और बच्चे अनाथ हो गये तथा कई माताओं व बहनों के सुहाग उजड गयें। मुआवजा इसका हल नहीं है। मुआवजे से मानव जीवन वापस नहीं लौट सकता। नेताओं को अपने मगरमच्छी आंसू बहाने के व्यवस्था में सुधार करना चाहिए ताकि देश के नागरिकों को सुविधा मिल सके और ऐसे हादसे रुक सके। केन्द्र सरकार व नागरिक उड़यन मंत्रालय को कारगर कदम उठाने होगें ताकि भविष्य में अनहोनी को टाला जा सके।यह जनहित में बेहद जरुरी चंद मिनटों में लोग लाशों में तब्दील हो गए घटनास्थल पर किसी का हाथ किसी का पैर और किसी का सिर गिरा था। शव क्षत-विक्षत हो चुके थे।विमान में सवार लोगों ने कभी सपने मे भी नहीं सोचा होगा कि लोगों को मौत नसीब होगी। हादसे में किसी ने अपना बच्चा खो दिया तो किसी के सिर से बाप का साया उठ गया।मुआबजा का मरहम उनके परिजनों के जख्म नहीं भर सकता। मुआवजा इसका समाधान नहीं है।सरकारें जितना पैसा मुआवजे के रुप में देती है अगर इससे व्यवस्था को सुधारा जाए तो अनमोल जिन्दगियां बच सकती हैं।हर हादसे के बाद जांच करवाई जाती है जो कुछ समय बाद ठंडे बस्तें में चली जाती है तब तक और हादसा हो जाता है।विमान हादसों का यह सिलसिला निरंतर बढता ही जा रहा है।बढते विमान हादसों पर मत्रालय को मंथन करना चाहिए ताकि विमान याात्रीयों की जान जोखिम में पडे।मंत्रलय को इस दुरघटना से सबक सिखना चाहिए। विमान यात्री असमय काल के गाल में समाते रहेंगे वक्त अभी संभलने का है। ईएमएस/13जून2025