(फादर्स डे 15 जून पर विशेष) हिमगिरि जैसे भव्य हैं,र हते सीना तान। वेदों ने भी तो कहा, हरदम पिता महान।। पिता उच्च आकाश से, संतानों के ईश। जब तक जीवित हैं पिता,कभी न झुकता शीश।। सुख-दुख में अविचल रहें, आँसू का है त्याग। जेब भरी खाली रहे, पर हाँ से अनुराग।। पिता रूप संघर्ष का, संरक्षक का वेग। कैसे भी हालात हों,पिता मांगलिक नेग।। बुरी नज़र पर मार हैं, हर संकट पर वार। पिता दिवाकर से लगें,फैलाते उजियार।। नेह भरे रहते पिता, दिखते सदा कठोर। संतानों का भाग्य है,नाचे मन का मोर।। पिता सुरीला राग हैं, भजन,आरती गान। जब तक जीवित हैं पिता,संतानों में जान।। एक दिवस केवल नहीं, युगों-युगों सम्मान। पिता करें संतान के, पूरे सब अरमान।। पिता प्रेम का नाम है,पिता नाम कर्तव्य। सकल जगत में आज तो, पितु गाथा है श्रव्य।। पितु को खोना त्रासदी, बहुत बड़ा अभिशाप। पितु हैं तो धनवान हम, हर सुख का आलाप।। ईएमएस / 14 जून 25