लेख
14-Jun-2025
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इसराइल ने ईरान पर बड़ा हमला किया है, जिसमें करीब 78 ईरानी नागरिक मारे गए जबकि 350 से अधिक लोग घायल हो गए। ईरान के संभावित परमाणु ठिकानों पर इसराइल के हमले के बाद सारी दुनिया सहम गई है। दुनिया भर के शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। कच्चे तेल के दाम में भारी तेजी देखने को मिली, सोने और चांदी का कारोबार भी तेजी के साथ हुआ। दुनिया भर के बाजारों में हड़कंप मच गया। सबसे ज्यादा तेजी क्रूड ऑयल के दामों में देखने को मिली। इसके साथ ही ईरान के साथ युद्ध शुरू होने की दशा में दुनिया के देशों में 40 फ़ीसदी से ज्यादा जो कच्चे तेल की आपूर्ति होती है, इसके अलावा आयात ऒर निर्यात के लिए जिन मार्गों का उपयोग होता है, निश्चित रूप से उसमें व्यवधान उत्पन्न होगा। इसका असर दुनिया के देशों में पड़ना तय माना जा रहा है। इस कारण वैश्विक स्तर पर अफरा- तफरी का माहौल बन गया है। इसराइल के द्वारा किए गए हमले के जवाब में ईरान ने 150 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिसमें इसराइल के 2 लोगों की मौत जबकि 90 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। इसी के साथ ईरान ने अपने यहां लाल झंडा फहरा दिया है, जो युद्ध का संकेत है। वैश्विक स्तर पर जो नई स्थितियां देखने को मिल रही हैं, उसके अनुसार अमेरिका का खुला समर्थन इजरायल के साथ है। खाड़ी के कई देश अमेरिका के साथ खड़े हुए हैं। ऐसी स्थिति में ईरान के समर्थन में चीन-रूस और उत्तर कोरिया आगे आते हुए दिख रहे हैं। वैश्विक स्तर पर जो नया समीकरण बन रहा है, उसमें अमेरिका के सामने रूस और चीन डटकर खड़े हो गए हैं। उनका समर्थन ईरान के साथ देखने को मिल रहा है। इस स्थिति में यदि युद्ध होता है तो यह युद्ध बहुत विनाशकारी होगा। इसे अभी से तीसरे विश्व युद्ध की आशंका के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका की यह चेतावनी कि ईरान न्यूक्लियर डील अमेरिका के साथ करे या तबाही के लिए तैयार हो जाए। एक तरह से अमेरिका ने ही इसराइल को हमले के लिए शह दी है। 75 साल बाद परमाणु ठिकानों पर हमला किया गया है। इसके बाद सारी दुनिया के देश दो हिस्सों में बंटने के लिए मजबूर हो जाएंगे। इसराइल और ईरान के बीच में युद्ध शुरू होने पर अमेरिका के नेतृत्व में दुनिया के कई देश एकजुट होंगे, वहीं चीन और रूस के नेतृत्व में ईरान के समर्थन में कई देश सामने आएंगे। ऐसी स्थिति में तृतीय विश्व युद्ध की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है, जो बड़े विनाशकारी परिणाम सामने ला सकता है। इसराइल ने परमाणु स्थलों पर हमला करके अब ईरान, चीन और रूस जैसे देशों को जवाबी हमले के लिए मौका दे दिया है। युद्ध बढ़ने की दशा में चीन और रूस भी ईरान के समर्थन में परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकेंगे। अब इसे रोक पाना संभव नहीं होगा। इसराइल और अमेरिका ने जो गलती की है उसको लेकर भारी तबाही की संभावना दिखने लगी है। ईरान ने जिस तरह से जवाबी हमले शुरू किए हैं उससे इतना स्पष्ट हो गया है कि वह अमेरिका से दबने वाला नहीं है। ईरान की मदद के लिए जिस तरह से चीन और रूस ने मदद की पेशकश की है उसके कारण तृतीय विश्व युद्ध की आशंका सभी के मन में उत्पन्न होने लगी है। अमेरिका के दूसरी बार राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप जिस तरह से तुगलगी फैसला ले रहे हैं, वह सारी दुनिया के देशों को धमकाने में लगे हुए हैं। इसराइल और गाजा के बीच में चल रहे युद्ध को रोकने के लिए वैश्विक संस्थाओं द्वारा जो प्रयास किए गए वह सारे विफल साबित हुए। इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहु वैश्विक संस्थाओं की किसी बात को नहीं मान रहे। गाजा में जिस तरह से इसराइल ने नरसंहार किया है, उसकी सारी दुनिया में निंदा हो रही है। यह भी कहा जा रहा है, कि इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहु इन दिनों अपनी सत्ता को बचाए रखना चाहते हैं, जिसके कारण उन्होंने जानबूझकर ईरान के ऊपर हमला किया है। इसराइल में आपातकाल की घोषणा की गई है ताकि वह अपनी कुर्सी को बचाए रख सकें। बहरहाल जिस तरह की स्थिति बनने लगी है उसको देखते हुए वैश्विक मंदी, महंगाई, बेरोजगारी और युद्ध के कारण खाने-पीने और दैनिक उपयोग में आने वाले सामानों को लेकर भी दुनिया के देशों में चिंता देखने को मिलने लगी है। आगे क्या होगा यह कुछ कहा नहीं जा सकता है, लेकिन एक अभाव जो स्पष्ट रूप से दिख रहा है, संयुक्त राष्ट्र संघ, सुरक्षा परिषद, रेड-क्रॉस जैसी संस्थाएं वह भूमिका अदा नहीं कर पा रही हैं जो कुछ दशक पहले तक करती थीं। ईएमएस / 14 जून 25