16-Jun-2025
...


वाराणसी (ईएमएस) । वाराणसी स्थित संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी की जन्मस्थली वाराणसी स्थित भव्य मंदिर के स्थापना दिवस के अवसर पर जालंधर से पधारे प्रमुख संत श्री श्री 108 निरंजन दास जी महाराज ने कहा कि समाज में सेवा भाव हमेशा के लिए कायम रखना होगा। मानवता की सेवा ही ईश्वर की परम सेवा है। स्वार्थ के कारण ही समूची दुनिया विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़ी है, ऐसे में संतों का कर्तव्य है कि समाज में राष्ट्रीय एकता -भाईचारा कायम करें। हर समाज एक दूसरे का आदर सम्मान करें, जिससे समाज में शांति कायम हो सके, राष्ट्र में शांति कायम हो सके। इस अवसर पर निरंजन दास जी महाराज ने संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी का दर्शन पूजन किया और अनुवाइयों को आशीर्वाद भी दिया। धम्मा लर्निंग सेंटर, सारनाथ के पूराधिपति चँदिमा भंते थेरो नें निरंजन दास जी महराज को अशोक स्तंभ की अनुकृति भेंट की। संत निरंजन दास जी ने उन्हें अंगवस्त्रम एवं प्रसाद देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर बी एच यू के चिकित्सक, अधिकारियों एवं कर्मचारियों नें एस के राव के नेतृत्व में निरंजन दास जी का चित्र उन्हें ही अर्पित कर उनका सम्मान किया। चँदिमा भंते नें कहा की संतो को समाज एवं राष्ट्र का कायाकल्प करना है। डॉक्टर बी आर अंबेडकर जन जागरण उत्थान समिति, वाराणसी द्वारा प्रकाशित संघमित्रा पत्रिका प्रो. एस के भारतीय नें प्रधान संपादक की हैसियत से महंत निरंजन दास जी को भेंट किया। महंत जी ने कहा कि समाज को जागरूक करना है तो समाचार पत्र -पत्रिकाओं का प्रकाशन बहुत जरूरी है ।इससे समाज के आखिरी व्यक्ति तक संदेश पहुंचता है। कार्यक्रम में चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निर्दशक डॉ. एस एन संखवार, प्रो. बी राम,प्रोफ. एस के भारतीय, डॉ. के एन सिंह, आर के निगम,जितेंद्र, राजेंद्र प्रसाद इत्यादि लोगों ने महंत जी का माल्यार्पण कर स्वागत किया। डॉ नरसिंह राम /16जून2025