प्रेस्टिज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, भोपाल में आज उद्यमिता और स्टार्टअप शिक्षा: सिद्धांतों से व्यावहारिक अनुप्रयोग की ओर विषय पर छह दिवसीय अटल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा अनुमोदित और प्रायोजित किया गया। इस एफडीपी का मुख्य उद्देश्य संकाय सदस्यों, स्नातकोत्तर छात्रों और उद्योग जगत के व्यक्तियों के ज्ञान को बढ़ाना है। कार्यक्रम उद्यमिता और स्टार्टअप के क्षेत्र में व्यापक जानकारी प्रदान करने, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ व्यावसायिक विचारों को जोडऩे और सिद्धांतों को व्यावहारिक अनुप्रयोगों से जोडऩे पर केंद्रित है। इस कार्यक्रम में विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के संसाधन व्यक्तियों में विभिन्न उद्योगपति, शिक्षाविद् और चार्टर्ड अकाउंटेंट शामिल हैं। समूह निदेशक डॉ. अनिल बाजपाई ने इस विषय पर अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए। मुख्य अतिथि डॉ. अभा ऋषि, कार्यकारी प्रमुख, मध्य प्रदेश स्टार्टअप मिशन ने प्रतिभागियों को स्टार्टअप के विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के पहले दिन दो अत्यंत प्रभावशाली और ज्ञानवर्धक सत्र आयोजित किए गए। पहला सत्र ज्ञान भटनागर, मालिक, एक्स्टोल विंड एंड इंडस्ट्रीज द्वारा मेरी उद्यमिता की यात्रा विषय पर संचालित किया गया। इस सत्र में श्री भटनागर ने अपनी व्यक्तिगत उद्यमिता यात्रा के अनुभवों को साझा करते हुए उद्यमिता के सिद्धांतों और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोग के बीच के अंतर को स्पष्ट रूप से समझाया। दूसरा महत्वपूर्ण सत्र भास्कर इंद्रकांति, संस्थापक, ऑरेंज आउल द्वारा एआई की दुनिया में ईआई: भविष्य की कक्षा, विषय पर आयोजित किया गया। यह सत्र विशेष रूप से समकालीन और भविष्योन्मुखी था, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के युग में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की बढ़ती महत्वता पर फोकस किया गया। एफडीपी की मुख्य समन्वयक डॉ. ऋचा जैन और सह-समन्वयक गुंजन शर्मा ने इस कार्यक्रम की संपूर्ण योजना और क्रियान्वयन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि उद्यमिता का विषय आज की व्यावसायिकता का अनिवार्य और अपरिहार्य हिस्सा है। उनके अनुसार, प्रशिक्षण और शिक्षा के क्षेत्र में भी उद्यमशीलता की सोच और दृष्टिकोण की अत्यधिक आवश्यकता है। डॉ. जैन ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना नहीं है, बल्कि प्रतिभागियों में उद्यमिता की मानसिकता विकसित करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करना है। गुंजन शर्मा ने जोड़ा कि यह कार्यक्रम विशेष रूप से व्यावहारिक अनुभव और हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग पर जोर देता है। यह कार्यक्रम न केवल सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करेगा बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी देगा, जो आज के युग में उद्यमिता और स्टार्टअप इकोसिस्टम के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस एफडीपी का मुख्य उद्देश्य देशभर के संकाय सदस्यों, खातकोत्तर छात्रों और उद्योग जगत के व्यक्तियों के ज्ञान को व्यापक रूप से बढ़ाना और उन्हें समकालीन उद्यमिता के क्षेत्र में नवीनतम ज्ञान से अवगत कराना है। कार्यक्रम उद्यमिता और स्टार्टअप के क्षेत्र में गहन जानकारी प्रदान करने, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ व्यावसायिक विचारों को प्रभावी रूप से जोडऩे और सिद्धांतों को व्यावहारिक अनुप्रयोगों से सफलतापूर्वक जोडऩे पर केंद्रित है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से आज के डिजिटल युग में उद्यमिता की बदलती गतिशीलता, स्टार्टअप इकोसिस्टम की चुनौतियों और अवसरों, तथा नवाचार-आधारित व्यावसायिक मॉडल के विकास पर गहन फोकस रखता है। प्रतिभागियों को न केवल सैद्धांतिक आधार प्रदान किया जाएगा बल्कि वास्तविक व्यावसायिक परिस्थितियों में इन सिद्धांतों के प्रयोग की व्यापक समझ भी दी जाएगी।इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में समूह निदेशक डॉ. अनिल बाजपाई ने उद्यमिता और शिक्षा के क्षेत्र में अपने बहुमूल्य और दूरदर्शी विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने आज के युग में उद्यमशीलता की बढ़ती आवश्यकता और इसमें शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अभा ऋषि, कार्यकारी प्रमुख, मध्य प्रदेश स्टार्टअप मिशन ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। उन्होंने प्रतिभागियों को स्टार्टअप इकोसिस्टम के विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर व्यापक जानकारी प्रदान की और मध्य प्रदेश में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकारी नीतियों और योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। -पहले दिन के विशेष सत्र सत्र 1:मेरी उद्यमिता की यात्रा, : श्री ज्ञान भटनागर: कार्यक्रम के पहले दिन दो अत्यंत प्रभावशाली और ज्ञानवर्धक सत्र आयोजित किए गए। पहला सत्र श्री ज्ञान भटनागर, मालिक, एक्स्टोल विंड एंड इंडस्ट्रीज द्वारा मेरी उद्यमिता की यात्रा, विषय पर संचालित किया गया। इस सत्र में श्री भटनागर ने अपनी व्यक्तिगत उद्यमिता यात्रा के अनुभवों को साझा करते हुए उद्यमिता के सिद्धांतों और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोग के बीच के अंतर को स्पष्ट रूप से समझाया।उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि कैसे सैद्धांतिक ज्ञान को वास्तविक व्यावसायिक परिस्थितियों में लागू किया जाता है, किस प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, और कैसे नवाचार और दृढ़ता के साथ इन चुनौतियों को अवसरों में बदला जा सकता है। श्री भटनागर ने अपने व्यावसायिक अनुभवों के माध्यम से बाजार की समझ, ग्राहक की आवश्यकताओं की पहचान, और टीम निर्माण की महत्वता पर भी गहन प्रकाश डाला। -सत्र 2: एआई की दुनिया में ईआई:भविष्य की कक्षा: भास्कर इंद्रकांति: दूसरा महत्वपूर्ण सत्र भास्कर इंद्रकांति, संस्थापक, ऑरेंज आउल द्वारा एआई की दुनिया में ईआई:भविष्य की कक्षा, विषय पर आयोजित किया गया। यह सत्र विशेष रूप से समकालीन और भविष्योन्मुखी था, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के युग में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की बढ़ती महत्वता पर फोकस किया गया। श्री इंद्रकांति ने स्पष्ट रूप से समझाया कि जबकि एआई तकनीकी क्षमताओं में तेजी से विकास कर रहा है। भावनात्मक बुद्धिमत्ता मानवीय स्पर्श और व्यक्तिगत संपर्क प्रदान करती है जो व्यावसायिक सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि भविष्य की शिक्षा प्रणाली में कैसे एआई और ईडी का संतुलित उपयोग करके अधिक प्रभावी और व्यापक शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया विकसित की जा सकती। -भविष्य की योजनाएं और अपेक्षाएं: यह छह दिवसीय कार्यक्रम न केवल सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करेगा बल्कि व्यापक व्यावहारिक अनुभव भी देगा। कार्यक्रम में केस स्टडी एनालिसिस, इंटरैक्टिव वर्कशॉप्स, ग्रुप डिस्कशन्स, प्रैक्टिकल असाइनमेंट्स, और रियल-टाइम प्रोजेक्ट वर्क शामिल हैं। प्रतिभागियों को स्टार्टअप पिचिंग, बिजनेस मॉडल कैनवास तैयार करना, मार्केट रिसर्च तकनीकें, फंडिंग स्ट्रैटेजी, डिजिटल मार्केटिंग, और फाइनेंशियल प्लानिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्यापक प्रशिक्षण दिया जाएगा। -समकालीन प्रासंगिकता: आत्मनिर्भर भारत, और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं को बढ़ावा दे रही है. ऐसे समय में यह कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रासंगिक है। यह कार्यक्रम उद्यमिता और स्टार्टअप इकोसिस्टम के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा और देश के भविष्य के उद्यमियों और नवाचारकर्ताओं को तैयार करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। हरि प्रसाद पाल / 18 जून, 2025