17-Jun-2025
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मुंबई, (ईएमएस)। मुंबई शहर और उपनगरों में हर दिन हजारों छात्र स्कूल बसों से सफर करते हैं। स्कूलों और अभिभावकों के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि ये बसें छात्रों के परिवहन के लिए सुरक्षित हों। पिछले पांच महीनों में, मुंबई सेंट्रल, अंधेरी और वडाला के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) ने बस के फिटनेस प्रमाण पत्र सहित अन्य नियमों का उल्लंघन करने के लिए 150 स्कूल बसों के खिलाफ कार्रवाई की है और उनसे 3.71 लाख रुपये का जुर्माना वसूला है। आपको बता दें कि मुंबई में कई निजी स्कूल 9 जून से शुरू हो गए हैं। आरटीओ द्वारा बताया गया है कि अबतक कई स्कूल बस चालकों ने अपने बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र का नवीनीकरण नहीं कराया है। हालांकि इन प्रमाणपत्रों को हर साल नवीनीकृत करना अनिवार्य है, लेकिन कई लोग इसकी अनदेखी कर रहे हैं। आरटीओ अधिकारियों ने पिछले पांच महीनों में 629 वाहनों का निरीक्षण किया। बिना फिटनेस प्रमाण पत्र, समाप्त बीमा या लाइसेंस और बिना फिटनेस प्रमाण पत्र वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। * क्या हैं नियम? - वाहन का स्कूल बस के रूप में पंजीकरण होना चाहिए। - टैक्स, लाइसेंस, बीमा, पीयूसी सहित सभी दस्तावेज वैध होने चाहिए। - मुंबई के लिए, डीजल और पेट्रोल बसें 8 साल से ज़्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए जबकि सीएनजी बसें 15 साल तक चल सकती हैं। - वाहन का रंग पीला होना चाहिए और उस पर स्कूल बस का स्पष्ट चिह्न होना चाहिए। - सीढ़ियों की ऊंचाई 200 मिमी से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। - सामने के दरवाज़े के पास स्टील की रेलिंग होनी चाहिए। - बस में वर्टिकल स्टील पोल और मल्टी-प्रेशर हॉर्न प्रतिबंधित हैं। - बस में एक प्राथमिक चिकित्सा किट और 2 ISI प्रमाणित 5 किलो के अग्निशामक यंत्र होने चाहिए। - खिड़कियों पर तीन क्षैतिज स्टील पोल होने चाहिए। - एक गति नियंत्रण उपकरण होना चाहिए। - बस एक बंद स्टील बॉडी होनी चाहिए। संजय/संतोष झा- १७ जून/२०२५/ईएमएस