राज्य
17-Jun-2025
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भगवान चित्रगुप्त मामले में कहा-शिव पुराण जगत के कल्याण के लिए, किसी की भावना को ठेस पहुंचाना मकसद नहीं-भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर(ईएमएस)। शिव पुराण जगत के कल्याण के लिए है, किसी की भावना का ठेस पहुंचाने के लिए नहीं है, महाराष्ट्र कथा के दौरान मृत्यु के देवता यमराज और सनातन धर्म के आराध्य हमारे भगवान चित्र गुप्त का प्रसंग चल रहा था, इसको लेकर जो मामला बना है, उससे किसी को ठेस पहुंची है तो हम इसके लिए संपूर्ण श्रद्धालुओं से क्षमा चाहते है। उन्होंने कहाकि संत, महात्मा, देवी-देवता सभी मेरे लिए भगवान का रूप है। उन्होंने कहा है कि उनकी मंशा किसी जाति, किसी व्यक्ति विशेष को ठेस पहुंचाने की नहीं थी। शिवपुराण के दौरान एक प्रसंग आया था और उन्होंने उसी संदर्भ में वह बात कही थी। यदि मेरे कथन से किसी समाज या व्यक्ति को ठेस पहुंची हो तो मैं क्षमा चाहता हूं। मेरा उद्देश्य केवल शिव महापुराण के माध्यम से लोगों का कल्याण करना है। मैंने किसी समाज या देवी-देवता का अपमान नहीं किया, यदि किसी को भी मेरी वाणी से ठेस पहुंची हो तो मैं क्षमा मांगता हूं। उक्त विचार जिला मुख्यालय स्थित कुबेरेश्वरधाम में पत्रकारों से चर्चा के दौरान क्षेत्र की आन, बान और शान अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कही। उन्होंने कहाकि शिव पुराण के दौरान जो भी प्रसंग का संबोधन होता है। उससे किसी समाज, वर्ग और अन्य को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं किया जाता है। वह सभी समाज और वर्ग का सदैव सम्मान करते है और आगे भी करते रहेंगे। अगर उनके संबोधन से किसी के मन को ठेस पहुंची हो तो क्षमा करें। सत्संग के दौरान श्रद्धालुओं से कहा-भगवान शिव की भक्ति में मग्र रहे : - वहीं मंगलवार को उन्होंने सुबह धाम पर आए श्रद्धालुओं से चर्चा करते हुए कहाकि आप दुनिया की बात को छोड़कर भगवान शिव की भक्ति में मग्र रहे। आपका भरोसा ही भक्ति की पहली सीढ़ी है। शिव का अर्थ ही कल्याण है। प्राणी मात्र के लिए कल्याण और मुक्ति की प्राप्ति शिव पुराण के श्रवण से ही संभव है। समाज में समता एवं त्याग की भावना तभी बढ़ेगी। जब हम शिव पुराण जैसे ग्रंथों के संदेशों को आत्मसात करेंगे। शिव पुराण के श्रवण से भक्ति, भक्ति से प्रेम, प्रेम से सद्भाव और सद्भाव से भेदभाव मुक्त समाज का सृजन होता है। अज्ञान, अहंकार और समाज में व्याप्त पाश्विक प्रवृत्तियों का नाश करने के लिए शिव पुराण जैसे ग्रंथों का मनन और मंथन जरूरी है। सत्य की राह पर चलकर शिव की तरह प्रत्येक क्षेत्र में श्रेष्ठता का लक्ष्य ही सत्यम, शिवम, सुंदरम के भाव को चरितार्थ करेगा। कुबेरेश्वरधाम पर हजारों श्रद्धालुओं ने लगाए भजन संध्या में शिव-शक्ति के जयकारें :- अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के जन्मोत्सव के अंतर्गत कुबेरेश्वरधाम पर प्रसिद्ध भजन गायक लखबीर सिंह लक्खा की एक शाम कुबेर भंडारी के नाम भजन संध्या का आयोजन किया गया था। जहां उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर माता के जयकारे से सत्र की शुरुआत की और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया भजनों में, प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी और केसरी के लाल जैसे लोकप्रिय गीत शामिल थे। फेमस भक्ति सिंगर लक्खा पहुंचे, मंच पर मौजूद लक्खा ने अपनी पूरी टीम के साथ समां बांधा, लखबीर ने सेशन की शुरुआत माता के जयकारे से की, इससे पहले वह धाम स्थित गुरुदेव पंडित श्री मिश्रा के पास पहुंचे उस दौरान उन्होंने कहाकि वह निरंतर अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पूज्य गुरुदेव के प्रवचन का श्रवण करते है, उनकी कथाओं ने पूरे सनातन धर्म को एकजुट किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 14 साल की आयु से भजन की शुरूआत की थी और यह भक्ति का सफर आज भी जारी है। धाम पर रात भक्ति और संगीतमय माहौल बना रहा। प्रसिद्ध भजन गायक लखबीर सिंह लक्खा ने अपनी धार्मिक प्रस्तुतियों से श्रोताओं का मन मोह लिया। आखिर की पंक्ति में बैठे लोग अपनी सीट से खड़े होकर डांस तक करते दिखाई दिए। लखबीर सिंह लक्खा के लिए खूब तालियां बजीं। विमल जैन / 18 जून, 2025