लेख
20-Jun-2025
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दुनिया के मध्य पूर्व में हालात ठीक नहीं है, ईरान और इजरायल के बीच जंग शुरू हो गई है, जिन्हें विश्व की महान शक्तियों का समर्थन प्राप्त है, इस जंग में फिलहाल रूस तो खुलकर सामने नहीं आया है, किंतु अमेरिकी राष्ट्रपति खुलकर सामने आ गए हैं और निशाने पर तेहरान है और वहां के सुप्रीम लीडर जो भूमिगत हो चुके हैं, उनके बारे में ट्रंप ने कहा है कि उन्हें पता है वह कहां छुपे हैं और इस कारण उन्हें कभी भी मारा जा सकता है, इसराइल के निशाने पर ईरान के सैन्य ठिकाने हैं, इधर भूमिगत हो चुके नेता खामनेही ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका देश इसराइल से समझौते को कतई तैयार नहीं है अब आर-पार की ही लड़ाई होगी और इस युद्ध का परिणाम ही वर्चस्व का भविष्य तय करेगा। दुनिया के शक्तिशाली देशों के टकराव के बीच पश्चिमी देशों में 80 साल बाद फिर विश्व युद्ध के आसार पैदा कर रहा है, इसकी मुख्य वजह रूस अमेरिका दोनों ही देशों में परमाणु हथियारों की बढ़त है और इस कठिन परिस्थिति में संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी अपनी अहम भूमिका निभाने से इनकार कर दिया है। इस कारण अपने आप को सर्वोच्च शक्तिमान समझने वाले देश अपनी मनमानी पर उतर आए हैं, जबकि दूसरे विश्व युद्ध की यादें आज भी ताजा है, फ्रांस जर्मनी और ब्रिटेन के 60 फ़ीसदी से ज्यादा लोग इस युद्ध के बारे में अधिकतम जानकारी रखते हैं, जबकि स्पेन में यह आंकड़ा केवल 40 फीसदी तक ही सीमित है। इस प्रकार कुल मिलाकर विश्व के मौजूदा हालातो में इस्लामी आतंकवाद का भी खतरा बढ़ गया है, इससे जुड़े एक सर्वेक्षण में पश्चिमी यूरोप के 82% और अमेरिका के 69% लोगों ने रूस के साथ तनाव को सबसे बड़ा खतरा बताया है, लोग मानते हैं कि रूस की सैन्य गतिविधियां और उसकी परमाणु क्षमता वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा है, रूस के अलावा इस्लामीक आतंकवाद को भी बड़ा खतरा बताया जा रहा है, इसके साथ ही संभावित तीसरे विश्व युद्ध में विभिन्न देशों की स्थितियों पर भी गंभीर चिंतन शुरू हो गया है, वैसे रूस के राष्ट्रपति पुतिन इस समय यूक्रेन में नाटो देशों के दखल से बेहद खफा है। पुतिन का कहना है कि नाटो का हस्तक्षेप मूल सभ्यता के विनाश का कारण बन सकता है, पिछले साल मई 2024 में विमित्री देव ने परमाणु युद्ध की चेतावनी दी थी। अगर रूस के इस हमले को नाटो की चुनौती मानता है तो पुतिन अनकहा, अनदेखा और अनचाहा भी कर सकते हैं, इस आशंका को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और वहां के कई रणनीतिकार बता चुके हैं, इसलिए ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यह संघर्ष तीसरे विश्व युद्ध में बदल सकता है जो कि अभी तक यह काल्पनिक है, अगर मौजूदा हालात के हिसाब से ही देखें तो दुनिया के शक्तिशाली देश कई समूहों में बट सकते हैं। इस प्रकार कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि दुनिया के हालात अभी ठीक नहीं है और विशेष चिंता भारत जैसे देशों की है, जिन्होंने तटस्थता की नीति अपना रखी है, इसीलिए मोदी जी अपने विदेश यात्राओं के दौरान शांतिपूर्ण माहौल की चर्चा कर रहे हैं, जैसा उन्होंने जी-7 की बैठक में किया‌। ईएमएस / 20 जून 25