ईरान की सैन्य शक्ति को देखते हुए वैश्विक स्तर पर हड़कंप मच गया है। 8 दिनों के भीतर जिस प्रकार ईरान ने बिना किसी दूसरे देश की सहायता लिए मिसाइल क्षमताओं का प्रदर्शन किया है. वह केवल इजराइल ही नहीं, बल्कि अमेरिका और उसके सहयोगियों देशों के लिए गंभीर चेतावनी है। ईरान की फतेह, सज्जील और अब नई तकनीकों से लैस मिसाइलों की श्रृंखला ने मिसाइल टेक्नोलॉजी को लेकर सारी दुनिया के देशों की सैन्य शक्ति को लेकर भविष्य की सोच और दिशा को बदल दिया है। 360 अंश, हाई-स्पीड कैमरों, इलेक्ट्रॉनिक डिसरप्शन टेक्नोलॉजी और हाइपरसोनिक गति वाली मिसाइलों ने अमेरिका के रडार सिस्टम को चकमा देकर अमेरिका और इजराइल जैसे देशों को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है। ईरान की यह तकनीकी सफलता उस सोच को भी खारिज करती है. जिसमें धार्मिक देशों को कट्टरपंथी मानते हुए विज्ञान से उनका कोई नाता नहीं है, ऐसा माना जाता रहा है। ईरान की मिसाइलों की अद्भुत क्षमता, जिसमें एक मिसाइल हवा में जाकर दर्जनों लक्ष्यों को भेद रही है. उसने अभी तक के हथियारों में सबसे ज्यादा खतरनाक बना दिया है। एक ही झटके में ईरान दुनिया के सबसे खतरनाक मिसाइल धारक देशों की कतार में खड़ा हो गया है। अमेरिका और इजराइल मे जहां आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता और जनमत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नेतन्याहू का विरोध बढ़ता ही जा रहा है, वहीं इजराइल हमले के बाद ईरान की जनता पहले से ज्यादा संगठित और सरकार के पक्ष में खड़ी दिखाई दे रही है। जिन महिलाओं ने हिजाब विरोधी प्रदर्शन किए थे, आज फिलिस्तीन के समर्थन में सड़कों पर आकर इजरायल की सरकार के साथ खड़ी हैं। चीन और रूस जैसे देश खुलकर ईरान के साथ आकर खड़े हो गये हैं। ईरान की रणनीति केवल सैन्य नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक और राजनीतिक मोर्चे पर बड़ी प्रभावी साबित हो रही है। यह दुनिया के लिए सिर्फ तकनीकी आश्चर्य का विषय नहीं, बल्कि एक नई वैश्विक शक्ति संरचना और भविष्य के बदलाव की दस्तक भी है। आने वाले समय में सारी दुनिया की सैन्य शक्ति में बड़े-बड़े बदलाव हो सकते हैं। ड्रोन और मिसाइल तथा अत्याधुनिक संचार प्रणाली युद्ध के दौरान बहुत प्रभावी भूमिका अदा कर सकते हैं। जिस तरह के नए-नए प्रयोग हथियारों के रूप में देखने को मिल रहे हैं। छोटे-छोटे देश भी बड़ी-बड़ी महाशक्तियों का मुकाबला कर पाने में सफल होते दिख रहे हैं। ईरान के बारे में किसी ने भी नहीं सोचा था, कि एक कट्टरपंथी मुल्क नवीनतम तकनीकी के माध्यम से इस तरह के हथियार तैयार कर लेगा, जिसकी खबर दुनिया के किसी देश को भी नहीं थी। ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामनेई ने पिछले 8 वर्षों से शांतिपूर्ण ढंग से अमेरिका के प्रतिबंधों का सामना करते हुए जिस तरह की तैयारी की है जब इजराइल के खिलाफ ईरान की मिसाइल ने आसमान में अपना करतब दिखाया तो राम-रावण युद्ध की याद भी ताजा होने लगी। उस समय जब मंत्र पढ़कर तीर छोड़े जाते थे। एक तीर से कई तीर निकलते थे। एक तीर से हजारों घायल हो जाते थे। लगभग उसी तरीके की स्थिति एक बार फिर ईरान और इजराइल युद्ध के दौरान देखने को मिली है। ईरान ने जिस तरीके से अपने पक्ष में दुनिया के देशों का समर्थन हासिल किया है उससे यह बात भी प्रमाणित होती है। सत्ता का अहंकार जब सिर चढ़कर बोलने लगता है, उस समय अहंकार को खत्म करने के लिए प्रक्रति भी साथ देने लगती है। यही ईरान के साथ होता हुआ दिख रहा है। ईएमएस/20/06/2025