नई दिल्ली (ईएमएस)। शहद और दालचीनी दोनों ही प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होते हैं। आयुर्वेद में शहद और दालचीनी को दो अत्यंत प्रभावशाली प्राकृतिक औषधियों के रूप में माना गया है। यह सिर्फ उपचार का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक प्राकृतिक और संतुलित शैली को दर्शाता है। चरक और सुश्रुत संहिता में इन दोनों औषधियों के अनेक गुणों का विस्तार से उल्लेख किया गया है, जो आधुनिक विज्ञान की कसौटी पर भी खरे उतरते हैं। जब इनका सेवन एक साथ किया जाता है, तो यह मिश्रण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करता है और कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से रक्षा करता है। विशेष रूप से बदलते मौसम में यह संयोजन सर्दी-जुकाम, बुखार और गले की खराश से राहत दिलाने में मदद करता है। दालचीनी जहां शरीर में ऊर्जा का संचार करती है, वहीं शहद में मौजूद प्राकृतिक शर्करा तुरंत शक्ति प्रदान करती है। यह जोड़ी पाचन तंत्र को मजबूत करने, मेटाबॉलिज्म को तेज करने और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में भी सहायक मानी जाती है। त्वचा रोगों में भी यह प्रभावी है, क्योंकि इसके नियमित सेवन से त्वचा में निखार आता है और संक्रमण का खतरा कम होता है। आयुर्वेद के अनुसार, यदि आप प्रतिदिन सुबह खाली पेट एक चम्मच शहद में चुटकी भर दालचीनी मिलाकर सेवन करते हैं, तो यह न केवल रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है, बल्कि हृदय को भी स्वस्थ रखता है। यह मिश्रण रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में भी सहायक है, विशेष रूप से मधुमेह के रोगियों के लिए यह अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। शहद और दालचीनी का यह मिश्रण वजन नियंत्रण में मदद करता है, जिससे मोटापा कम करने में सहायता मिलती है। यही कारण है कि आयुर्वेद इसे “अमृततुल्य संयोजन” मानता है, जो न केवल शरीर को रोगों से दूर रखता है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य और जीवनशैली को बेहतर बनाने में भी सहायक होता है। सुदामा/ईएमएस 21 जून 2025