वॉशिंगटन,(ईएमएस)। ईरान को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जो खुफिया जानकारी दी गई थी वो सही नहीं है। इस पर राष्ट्रपति भड़क गए हैं। उनका गुस्सा इतना ज्यादा बढ़ा हुआ है कि अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड पर भी कार्रवाई की जा सकती है। इजरायल और ईरान के बीच जारी जंग के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की आकलन रिपोर्ट को खारिज करते हुए अपनी ही राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) तुलसी गबार्ड पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके बाद उनकी नौकरी खतरे में पड़ गई है। न्यू जर्सी में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि मेरी खुफिया एजेंसियां गलत थीं। हालांकि वाइट हाउस के सूत्रों के अनुसार, ट्रंप व्यक्तिगत तौर पर तुलसी गबार्ड को नापसंद नहीं करते, लेकिन उनकी नौकरी खतरे में है। खासकर ऐसे समय में जब ईरान को लेकर प्रशासन के भीतर मतभेद उभरकर सामने आ रहे हैं। गबार्ड ने कहा था ईरान ने परमाणु हथियार पर फैसला नहीं लिया मार्च में अमेरिकी कांग्रेस में पेश रिपोर्ट में तुलसी गबार्ड ने कहा था कि अमेरिकी खुफिया समुदाय का मानना है कि ईरान ने अब तक परमाणु हथियार बनाने का कोई फैसला नहीं लिया है। यह बयान ऐसे समय आया जब ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की स्थिति बनी हुई है और अमेरिका पर भी हस्तक्षेप का दबाव बढ़ रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के नागरिक परमाणु ऊर्जा के दावों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ईरान के पास दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडारों में से एक है, तो फिर उन्हें नागरिक उपयोग के लिए परमाणु ऊर्जा की जरूरत क्यों है? यह समझ से बाहर है। ट्रंप ने आने वाले नाटो शिखर सम्मेलन से पहले एक और विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि अमेरिका को 5 प्रतिशत जीडीपी रक्षा खर्च के लक्ष्य को पूरा नहीं करना चाहिए, लेकिन अन्य देशों को करना चाहिए। उन्होंने कहा, हम बहुत लंबे समय से नाटो को सपोर्ट कर रहे हैं। अब दूसरों की बारी है। स्पेन का नाम लेते हुए ट्रंप ने कहा कि यह बहुत कम भुगतान करने वाला देश है। ट्रंप ने तंज कसते हुए कहा कि या तो वे अच्छे वार्ताकार हैं या फिर सही काम नहीं कर रहे हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/21जून2025