21-Jun-2025
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वॉशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिकी खुफिया एजेंसी की प्रमुख तुलसी गबार्ड ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये सफाई दी कि उनके बयान को संदर्भ से हटाकर प्रस्तुत किया गया और यह विभाजन पैदा करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास ऐसे खुफिया संकेत हैं जिनके अनुसार ईरान कुछ ही हफ्तों या महीनों में परमाणु हथियार तैयार करने की स्थिति में पहुंच सकता है, अगर वह अंतिम निर्णय लेता है।बता दें कि इजरायल ईरान युद्ध को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) तुलसी गबार्ड के बीच दरार अब खुलकर सामने आ गई है। यह दरार ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर है। ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से गबार्ड को ‘गलत’ करार देते हुए कहा कि अमेरिका की खुफिया एजेंसियां अगर मानती हैं कि ईरान परमाणु हथियार नहीं बना रहा, तो ‘वो गलत हैं। हालांकि, गबार्ड और व्हाइट हाउस दोनों ने इस सार्वजनिक मतभेद को कमतर आंकने की कोशिश की है। गबार्ड ने कहा कि वह और राष्ट्रपति ईरान को लेकर ‘एक ही पन्ने पर’ हैं। गबार्ड का कार्यकाल शुरू होने के बाद से वह अमेरिकी खुफिया समुदाय में बड़े बदलाव कर रही हैं, लेकिन उनके नेतृत्व के तरीके पर सवाल उठ रहे हैं। कुछ कैरियर अधिकारियों का कहना है कि गबार्ड अधिकतर सोशल मीडिया और टीवी पर मौजूद हैं, लेकिन दिन-प्रतिदिन के संचालन से उनका जुड़ाव स्पष्ट नहीं है। दरअसल ट्रंप न्यू जर्सी में एक फंडरेजर कार्यक्रम में पहुंचे थे और मीडिया ने उनसे गबार्ड की कांग्रेस को दी गई गवाही के बारे में पूछा। गबार्ड ने इसमें कहा था कि अमेरिकी खुफिया समुदाय का मानना है कि ईरान सक्रिय रूप से परमाणु हथियार नहीं बना रहा। ट्रंप ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘मुझे परवाह नहीं कि उन्होंने क्या कहा, मैं मानता हूं कि ईरान बहुत करीब है। ट्रंप का यह तीखा पलटवार ऐसे समय में आया है जब व्हाइट हाउस दो सप्ताह के भीतर यह तय करने वाला है कि अमेरिका ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में प्रत्यक्ष सैन्य हस्तक्षेप करेगा या नहीं। हालांकि शुक्रवार को ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि इजरायल की ईरान पर हो रही बमबारी को रोक पाना ‘बहुत कठिन’ होगा, जिससे संभावित संघर्षविराम की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।वैसे आपको याद होगा कि ट्रंप अपने चुनाव प्रचार में ‘एंडलेस वॉर’ के खिलाफ रुख अपनाते नजर आए थे। हालांकि राष्ट्रपति बनने के बाद अब काफी आक्रामक तेवर में नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा, अगर कोई जीत रहा हो, तो उसे रोकना थोड़ा मुश्किल होता है।’ उन्होंने ईरान के परमाणु ऊर्जा उद्देश्यों पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि ‘जब आपके पास दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडार में से एक हो, तो आपको परमाणु ऊर्जा की जरूरत क्यों पड़े? वीरेंद्र/ईएमएस/21जून2025