23-Jun-2025


-सीएम ने बुलाई थी बैठक कहा- आप डरें नहीं, हम कारोबार के लिए अच्छा माहौल देंगे चंडीगढ़,(ईएमएस)। देश के किसी भी राज्य में शराब के ठेकों के लिए बोली लगाने की होड़ रहती है और इसकी वजह है इनसे होने वाली मोटी कमाई। वहीं हरियाणा में लोग शराब के ठेकों की बोली ही नहीं लगा रहे हैं। इसका सबसे प्रमुख कारण इस धंधे में गैंगस्टरों का शामिल होना। इसके चलते कोई भी ऐसा व्यक्ति इस धंधे के लिए बोली नहीं लगाना चाहता है, जो बाहुबली न हो और क्राइम से उसका नाता न हो। हरियाणा में सरकार के लिए शराब उद्योग से मिलने वाला रेवेन्यू विकास और गरीब कल्याण की नीतियां बनाने में काम आता है। नायब सिंह सैनी सरकार के लिए चिंता की बात यह है कि प्रदेश के 22 जिलों में से 20 ऐसे हैं, जहां शराब के ठेकों के लिए बोली ही नहीं लगाई गई है। पांच बार ऑनलाइन नीलामी का विज्ञापन जारी हो चुका है, लेकिन कोई भी बोली लगाने के लिए आगे नहीं आ रहा। बड़ी बात यह है कि इनमें से कई दुकानें तो गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला और यमुनानगर में हैं। इन शहरों की शराब दुकानों को अच्छी कमाई वाला माना जाता है। फिर भी बोली नहीं लग रही हैं। अब तक किसी के लिए भी इन दुकानों का आवंटन नहीं हो सका है। बता दें कुरुक्षेत्र में 13 जून को एक शराब कारोबारी की हत्या हो गई थी। उसके बाद से पूरे प्रदेश में डर का माहौल है। रोहतक और यमुनानगर में भी शराब के ठेकों के लिए बोली लगाने के इच्छुक लोगों को धमकियां मिल रही हैं। हालात यह है कि सीएम नायब सिंह सैनी ने खुद शराब कारोबारियों की बैठक बुलाई। इस बैठक में उन्होंने लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया और कहा कि आप लोग डरें नहीं। हम कारोबार के लिए अच्छा माहौल देंगे। इसके अलावा उन्होंने डीजीपी को भी आदेश दिया कि वह अपराधियों पर सख्त ऐक्शन लें। हरियाणा में हमेशा से ही शराब के ठेकों का कारोबार दबंगों के हाथ में रहा है। इसमें कोई आम व्यक्ति शामिल नहीं होना चाहता। इस कारोबार में बड़े पैमाने पर हिंसा और धमकियां शामिल रही हैं, लेकिन इस बार स्थिति ज्यादा ही खराब है। कारोबारियों के साथ ही आबकारी विभाग के अधिकारियों तक को डराने के मामले सामने आ रहे हैं। हरियाणा में शराब का कारोबार किसी बड़े सिंडिकेट या फिर कार्टेल के जरिए नहीं चलता। यहां ऑनलाइन बोली लगती है, लेकिन इस बार धमकियों के चलते लोग बोली लगाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। बता दें मौजूदा वित्त वर्ष में हरियाणा की बीजेपी सरकार ने आबकारी विभाग से ही 14,063 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जुटाने का लक्ष्य तय किया है। इससे पहले बीते वित्त वर्ष में यह 11,054 करोड़ रुपए ही था। अब तक करीब 260 जोन ऐसे हैं, जहां बोली नहीं लगी है और इनसे ही करीब 4000 करोड़ के रेवेन्यू की उम्मीद है। सिराज/ईएमएस 23जून25