केग रिपोर्ट से करोड़ों का पोषण आहार घोटाले का हुआ खुलासा -यहां बीईओ कार्यालय में करोड़ों का गबन, ईडी ने की छापामार कार्रवाई -कुंडलिया डेम मुआबजा घोटाला भी उजागर भोपाल,(ईएमएस)। मध्य प्रदेश में ऐसी अनेक योजनाएं कागजों पर चलाई गईं जिनका जमीनी स्तर पर कोई लेना-देना नहीं रहा, लेकिन भुगतान बराबर समय पर किया गया। ऐसे ही एक घोटाले का खुलासा जो पोषण आहार योजना से जुडा है को केग की रिपोर्ट से होने के बाद सिस्टम पर ही सवाल उठने लग गए हैं। यहां एक अन्य घोटाला कट्ठीवाड़ा बीईओ कार्यालय में हुआ, जिसमें 20.47 करोड़ रुपए के गबन मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए छापा मारा है। ऐसे ही आगर-राजगढ़ जिले की सीमा पर कालीसिंध नदी पर वर्ष 2017 में 3.5 हजार करोड़ की लागत से बने कुंडलिया डेम के मुआवजा वितरण में करोड़ों का घोटाला किया गया। इस प्रकार के बढ़ते मामलों को देख लोग सवाल कर रहे हैं कि कहीं हमारा सिस्टम ही तो घोटालेबाज नहीं हो गया है? जानकारी अनुसार पोषण आहार योजना गड़बड़ी पर कैग रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है, कि 858 करोड़ का टेक होम राशन कागजों में तो दर्शाया गया, लेकिन जितनी मात्रा में कच्चा माल इस्तेमाल होना था उतना नहीं हुआ और न ही उन 8 जिलों में उतने लाभार्थी ही मिले जितने कि बताए गए। इस मामले को लेकर पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने शिकायत की थी और पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस और पूर्व सीईओ ललित मोहन बेलवाल पर मामला दर्ज है। इस मामले की जांच करने में लोकायुक्त की टीम जुटी हुई है। बीईओ में 20 करोड़ का गबन और ईडी के छापे कट्ठीवाड़ा बीईओ कार्यालय में 20.47 करोड़ रुपए के गबन के मामले को लेकर ईडी ने छापामार कार्रवाई की है। गबन मामले के मुख्य आरोपी कमल राठौड़ समेत कुल 6 करीबियों के घर पर ईडी ने दबिश दी। ईडी टीम राठौड़ के केशव नगर स्थित निवास पहुंचीं थी, इसके अलावा दाहोद रोड पर समाधि स्थल के पास दिनेश शोभाराम राठौड़ और नितेश चांदमल राठौड़ के निवास, आम्बुआ में कमल के साले विकास राठौड़, कट्ठीवाड़ा के ग्राम कवछा में पूर्व लेखापाल वीरेंद्र बामनिया और नवापुरा में पूर्व मंडल संयोजक अशोक बारिया के घर पर भी छापेमारी की है। पुलिस की मौजूदगी में ईडी की टीम ने दस्तावेजों की जांच करते हुए पूछताछ भी की है। वेतन, छात्रवृत्ति व रिफंड समेत कई मदों में किया फर्जी भुगतान कुंडलिया डेम मुआवजा घोटाला आगर-राजगढ़ जिले की सीमा पर कालीसिंध नदी पर वर्ष 2017 में 3.5 हजार करोड़ की लागत से बने कुंडलिया डेम की मुआवजा राशि में बड़ा घोटाला किया गया है। बताया जा रहा है कि 4 से 6 साल के बच्चों के फर्जी आधार कार्ड तैयार कर उन्हें 18 साल का दिखाया गया और मुआवजा वितरण की 5.85 करोड़ रुपए की राशि का बंदरबांट कर लिया गया। यहां बताते चलें कि प्रदेश सरकार ने विशेष पुनर्वास पैकेज के तहत 11 अक्टूबर 2017 की स्थिति में जो बालिग थे, उन्हें 5-5 लाख रुपए मुआवजा राशि देने का आदेश दिया था। इस मामले से संबंधित अधिकारी अब अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, जबकि दाबेदार बड़े घोटाले का दावा कर रहे हैं। हिदायत/ईएमएस 25जून25