25-Jun-2025
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वाराणसी (ईएमएस)। भारतीय रेल की प्रमुख उत्पादन इकाई बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका), ने एक बार फिर महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह की कुशल नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी गुणवत्ता और तकनीकी दक्षता का लोहा मनवाया है। वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 के दौरान बरेका द्वारा 6 डीजल इंजन (3000 हॉर्स पावर, एसी– एसी ) सफलतापूर्वक मोजाम्बिक की रेल कंपनी सीएफएम को आपूर्ति किए गए थे, जो वर्तमान में मोजाम्बिक में सफलतापूर्वक परिचालन में हैं। पूर्व में भेजे गए इंजनों की उत्कृष्ट कार्यक्षमता एवं विश्वसनीय प्रदर्शन को देखते हुए, मोजाम्बिक रेलवे (सीएफएम) ने बरेका को एक और बड़ा अनुबंध सौंपा है। यह नया अनुबंध 10 अत्याधुनिक 3300 हॉर्स पावर एसी– एसी डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के निर्माण और आपूर्ति के लिए मेसर्स राइट्स के माध्यम से प्रदान किया गया है। इन 10 इंजनों में से 2 इंजन का निर्माण कार्य पूर्ण कर जून, 2025 में सफलतापूर्वक मोजाम्बिक के लिए रवाना कर दिया गया है, जबकि शेष 8 इंजनों का प्रेषण दिसंबर 2025 तक किए जाने की योजना है। ये इंजन केप गेज (1067 मिमी) पर 100 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम गति से चलने में सक्षम हैं। बरेका द्वारा निर्मित ये 3300 एचपी AC-AC डीजल इंजन न केवल तकनीकी दृष्टि से अत्याधुनिक हैं, बल्कि इसमें चालक के लिए भी कई विशेष सुविधाएं प्रदान की गई हैं, जिनमें शामिल हैं: रेफ्रिजरेटर, हॉट प्लेट, मोबाइल होल्डर, सौंदर्यबोध से परिपूर्ण कैब डिज़ाइन, शौचालय की सुविधा इत्यादि। ये विशेषताएं न केवल चालक की सुविधा को सुनिश्चित करती हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कार्यस्थल की गुणवत्ता को भी दर्शाती हैं। बरेका की यह उपलब्धि न केवल देश के तकनीकी सामर्थ्य का प्रतीक है बल्कि ‘मेक इन इंडिया – मेक फॉर द वर्ल्ड’ मिशन को भी सशक्त करती है। मोजाम्बिक को इन इंजनों की आपूर्ति से भारत की इंजीनियरिंग क्षमता, आत्मनिर्भरता और वैश्विक साझेदारी को एक नई ऊंचाई मिली है। उल्लेखनीय है, कि 23 अप्रैल 1956 को बनारस रेल इंजन कारख़ाना की स्थापना से अब तक बरेका भारतीय रेलवे, इस्पात संयंत्रों, खानों, बंदरगाहों और निर्यात के लिए 10000 से अधिक लोकोमोटिव बना चुका है । यह भारतीय रेलवे की उत्पादन इकाई लोको उत्पादन के क्षेत्र मेंअग्रणी है। जनवरी 1976 में पहला रेल इंजन तंजानिया को निर्यात किया गया । इसके बाद वियतनाम, माली, सेनेगल, अंगोला, म्यांमार, बंग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, मोजाम्बिक, सूडान आदि देशों को यहां के निर्मित इंजन भेजे गये। इस उपलब्धि पर महाप्रबंधक श्री नरेश पाल सिंह ने बरेका के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कुशल प्रबंधन एवं कार्य कुशलता की सराहना की है। डॉ नरसिंह राम/ईएमएस/25/06/2025