भोपाल(ईएमएस)। आयुक्त महिला बाल विकास श्रीमती सोफिया वली कुरैशी ने आगामी वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी आवश्यक तैयारियों के लिये दिशा-निर्देश जारी किये। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वर्षाकाल के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्रों की पहुंच बाधित हो सकती है, वहीं जलजनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में समय रहते सतर्कता और समन्वय बेहद आवश्यक है। श्रीमती कुरैशी ने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से हम प्रदेश के सबसे संवेदनशील वर्ग, छोटे बच्चे और महिलाओं तक पहुंचते हैं। वर्षा ऋतु में हमारी सजगता और तैयारी ही उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा की सबसे बड़ी गारंटी होगी। पूरक पोषण आहार की सतत आपूर्ति सुनिश्चित श्रीमती कुरैशी ने पहुंचविहीन क्षेत्रों की आंगनवाड़ियों में टेकहोम राशन (THR) की निरंतर आपूर्ति के लिये संयंत्रों से समन्वय बनाने के निर्देश दिये हैं। स्व-सहायता समूहों को वर्षाकाल में भोजन की स्वच्छता बनाये रखने और मक्खी, मच्छर से बचाव और स्वस्थ पेयजल के उपयोग के निर्देश दिये हैं। हितग्राहियों को टेकहोम राशन की सुरक्षा, भण्डारण और स्वच्छता संबंधी सलाह भी दी जायेगी। स्वास्थ्य विभाग से समन्वय आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों के त्वारित ईलाज के लिये स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले से समन्वय कर हर परिवार को नजदीकी स्वास्थ्य कार्यकर्ता और एएनएम के सम्पर्क नंबर उपलब्ध कराये जायेंगे। इन नंबरों को ग्राम पंचायत भवन एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों के बाहर लिखे जाने के निर्देश दिये गये हैं। सभी केन्द्रों पर ओआरएस, जिंक, आयरन टेबलेट एवं प्राथमिक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं के सहयोग से सभी परिवारों में ओआरएस के पैकेट तथा जिंग गोलियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जायेगी। स्वच्छ पेयजल और सफाई व्यवस्था पर जोर आयुक्त श्रीमती कुरैशी ने गृहभेंट में प्रत्येक परिवार को स्वच्छ पेयजल, शौचालय का उपयोग करने, घर एवं घर के आसपास स्वच्छता रखने की सलाह और समझाईश देने के निर्देश दिये हैं। स्वास्थ्य एवं आशा कार्यकर्ता के सहयोग से क्षेत्र के सभी खुले जल स्रोतों में क्लोरिन के उपयोग से जल को पीने योग्य बनाने, हेण्डपम्प की जांच कराने और जल शुद्धि के लिये क्लोरिन टेबलेट वितरित करने की व्यवस्था की जायेगी। पानी एकत्रित होने से मच्छरों अथवा अन्य बीमारियां न हो इसके लिये पंचायत के सहयोग से पेयजल स्रोतों के आसपास स्वच्छता, ग्रामों में पेयजल स्रोतों, हेण्डपम्प, कुओं, सार्वजनिक नल के आसपास पानी की उचित निकासी की व्यवस्था की जायेगी। अतिवर्षा एवं बाढ़ की स्थिति श्रीमती कुरैशी ने निर्देश दिये हैं कि अतिवर्षा या बाढ़ की स्थिति में निचले क्षेत्रों रहने वाले परिवारों को पंचायत के सहयोग से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित पहले से करने की योजना पहले से तैयार की जाये। राहत और बचाव कार्यों के लिये स्थानीय समाजसेवी संस्थाओं, काउंसलर्स आदि को सूचीबद्ध कर समन्वय किया जाये। बाढ़ की स्थिति में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जाये। आयुक्त श्रीमती कुरैशी ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों, परियोजना अधिकारियों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से इन निर्देशों का स्थानीय स्तर पर गंभीरतापूर्वक पालन करने और समुदाय के सहयोग से सतत निगरानी बनाये रखने की अपील की। हरि प्रसाद पाल / 25 जून, 2025