राज्य
25-Jun-2025
...


-कांग्रेस का नेहरू-गांधी परिवार राजशाही में राज करना चाहता था, इसलिए लोकतंत्र का गला घोटा -कांग्रेस देश की जनता के साथ विश्वासघात करने वाली राजनीतिक पार्टी है -मोदी जी ने आपातकाल में कांग्रेस की सच्चाई को गांव-गांव पहुंचाकर जनता को जागृत किया था -सी.आर. पाटिल -आपातकाल भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सबसे बड़ा हमला था -सत्ता में नेहरू-गांधी परिवार का वर्चस्व बनाएं रखने के लिए कांग्रेस ने आपातकाल लगाया -लोकतंत्र सेनानियों के संघर्षों से देश को वास्तविक आजादी मिली -विष्णुदत्त शर्मा भोपाल(ईएमएस)। केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने बुधवार को आपातकाल दिवस पर प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर मीसाबंदियों का सम्मान किया। केंद्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि देश आजाद होने के बाद लोकतंत्र का राज था। लोकशाही शासन था, लेकिन कांग्रेस का नेहरू-गांधी परिवार राजशाही में राज करना चाहता था, इसलिए लोकतंत्र का गला घोटकर आपातकाल लगाया था। कांग्रेस देश की जनता के साथ विश्वासघात करने वाली राजनीतिक पार्टी है। संविधान का गला घोटने वाली कांग्रेस पार्टी के नेता संविधान की प्रति हाथ में लेकर देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपातकाल में भूमिगत होकर कांग्रेस की सच्चाई को गांव-गांव पहुंचाकर जनता को जागृत किया था। आज देश की जनता कांग्रेस पर भरोसा करना बंद कर चुकी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि आपातकाल भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सबसे बड़ा हमला था। कांग्रेस ने नेहरू-गांधी परिवार का सत्ता में वर्चस्व बनाएं रखने के लिए आपातकाल लगाया था। लोकतंत्र सेनानियों के संघर्षों से देश को वास्तविक आजादी मिली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत माता के गौरव को परम वैभव पर पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री सी. आर. पाटिल एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान के तहत प्रदेश कार्यालय परिसर में पौधारोपण किया एवं आपातकाल दिवस पर लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन किया। इंदिरा गांधी और कांग्रेस ने अपने निजी स्वार्थों के लिए संविधान में कई संशोधन किए-सीआर पाटिल केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि आपातकाल दिवस देश की जनता को यह याद दिलाता है कि संविधान का गला घोंटने वाली ताकतों से कैसे लड़ना चाहिए। इंदिरा गांधी और कांग्रेस पार्टी ने अपने निज स्वार्थों के लिए संविधान में कई संशोधन किए। आपातकाल लगाने के लिए कुछ परिस्थितियां होती हैं, लेकिन जब कांग्रेस की श्रीमती इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया तब न तो देश युद्ध लड़ रहा था और न ही कोई आंतरिक समस्या थी। यह आपातकाल सिर्फ इसलिए लगाया गया था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया था। कांग्रेस और इंदिरा गांधी को हाथ से देश की सत्ता जाते हुए दिखी, इसलिए देश में आपातकाल लगा दिया गया। कांग्रेस के नेहरू-गांधी परिवार राजशाही में राज करना चाह रहे थे, इसलिए भी देश में आपातकाल लगाया गया, ताकि कांग्रेस का नेहरू-गांधी परिवार देश पर राज करता रहे। आपातकाल में संविधान को निलंबित कर उन सबको जेल में डाल दिया गया था, जो संविधान को बचाने के लिए, देश के लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए कार्य कर रहे थे। जनसंघ से लेकर उन सभी राष्ट्रवादी विचारों को आगे बढ़ाने वाले संस्थाओं के अलावा उन पत्रकारों को भी जेल में डाला गया था, जो आपातकाल को लेकर कांग्रेस की सच्चाई जनता के सामने लाना चाहते थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आपातकाल के समय भूमिगत होकर गांव-गांव जाकर लोकतंत्र सेनानियों के परिजनों को सहायता पहुंचाने के साथ जनता को कांग्रेस की सच्चाई बताने का कार्य कर रहे थे। आज देश की जनता कांग्रेस की सच्चाई को समझ चुकी है और कांग्रेस अस्ताचल की ओर बढ़ रही है। कांग्रेस के नेता संविधान की प्रति हाथ में लेकर देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि राजनीतिक तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस ने एक परिवार को संविधान से ऊपर रखने का प्रयास किया है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी संसद में शपथ लेते समय संविधान की प्रतियां हाथ में लेकर संविधान का रक्षक बनने का नाटक करते हैं। लेकिन उनके हाथ में जो संविधान होता है, उसके अंदर कोई दस्तावेज नहीं होता। कांग्रेस देश की जनता के साथ विश्वासघात करने वाली राजनीतिक पार्टी है, इसलिए आज देश की जनता कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार पर भरोसा नहीं करती। आपातकाल के बाद शाह आयोग बनाया गया था। शाह आयोग की रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा था कि देश में आपातकाल लगाए जाने की कोई संवैधानिक जरूरत नहीं थी। उस समय कांग्रेस पार्टी और उसकी नीतियों का विरोध करने वालों को गोली मार दी गई थी। 1980 के बाद जब केद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो इस रिपोर्ट को ही राजनैतिक षड्यंत्र के तहत नष्ट कर दिया गया। कांग्रेस ने संविधान की प्रस्तावना में धर्म निरपेक्ष और समाजवादी शब्द जोड़कर अपनी मंशा देश पर थोपने का कार्य किया। इंदिर गांधी ने आपातकाल लगाने के लिए कैबिनेट की सामूहिक जिम्मेदारी की परंपरा को भी नष्ट किया। मध्यप्रदेश से ही 8555 लोगों को जेल में ठूंस दिया गया। जेल के अंदर लोकतंत्र सेनानियों को तरह-तरह की यातनाएं दी गईं, बीमार होने पर उनका इलाज नहीं कराया गया। कई राष्ट्रवादी संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान पर माथा टेककर संविधान की रक्षा के लिए जो कार्य शुरू किया था जो अनवरत चल रहा है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश के संविधान को और अधिक सशक्त बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है। जिस परिवार ने आपातकाल थोपा, उसी के सदस्य दे रहे संविधान की दुहाई -विष्णुदत्त शर्मा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को देश पर आपातकाल थोपकर संविधान का गला घोंटा था। यह घटना भारतीय लोकतंत्र के इतिहास की सबसे दुखद और शर्मनाक घटनाओं में से एक है। यह केवल एक राजनीतिक निर्णय नहीं था, बल्कि यह भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सबसे बड़ा हमला था। आपातकाल लगाने का उद्देश्य नेहरू-गांधी परिवार का सत्ता पर वर्चस्व बनाए रखने की लालसा में संविधान को रौंदने का कुत्सित प्रयास था। लेकिन आज उन्हीं इंदिरा गांधी के परिवार के लोग संविधान हाथ में लेकर उसकी दुहाई दे रहे हैं। शर्मा ने कहा कि आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी और संजय गांधी ने जिस तरह से न्यायालय और संविधान का अपमान किया आज भी उस परिवार के लोग वही कर रहे हैं। इंदिरा गांधी ने अगर न्यायालय को नीचे दिखाया, लोकतंत्र को कुचला, तो राहुल गांधी देश की संसद द्वारा पारित प्रस्ताव की प्रतियां सार्वजनिक रूप से फाड़ते हैं। शर्मा ने कहा कि 1977 में देश की जनता ने कहा कि लोकतंत्र के हत्यारे अब नहीं चलेंगे और जनता ने सत्ता बदल दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते समय कहा था कि इस सरकार के पीछे कई पीढ़ियों का बलिदान है, संघर्ष है, त्याग और तपस्या है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए कष्ट सहने वाले, अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले ऐसे सभी सेनानियों को मैं प्रणाम करता हूं। आपातकाल के काले सच को जनता तक पहुंचाएं कार्यकर्ता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश भारत माता के गौरव को परम वैभव पर पहुंचाने के लिए आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है। लेकिन हमारी यह यात्रा उन हजारों लाखों लोगों के संघर्षों, बलिदानों से होकर गुजरी है, जिन्होंने आपातकाल के दौरान अपार कष्ट सहा और प्रताड़ना झेली है। श्रद्धेय अटल जी, आडवाणी जी, जार्ज फर्नांडीज जैसे हजारों नेताओं को जेल में डाल दिया गया। आपातकाल के दौरान कितने ही लोगों का जीवन समाप्त कर दिया गया और कितने ही परिवारों की खुशियां छीन ली गईं। करीब सवा लाख लोगों को जेलों में ठूंस दिया गया। नागरिक स्वतंत्रता का दमन किया गया। जिस कलम ने आपातकाल के खिलाफ लिखने की कोशिश की, उसे तोड़ दिया गया। 3800 अखबारों को बंद कर दिया गया और 327 पत्रकारों को जेलों में ठूंस दिया गया। भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ता आपातकाल के इस काले सच को जनता तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि आज हम इसलिए आनंदित हैं कि लोकतंत्र सेनानियों के संघर्षों के कारण देश को वास्तविक आजादी मिली है, इसलिए आनंदित हैं कि आपातकाल के दौरान जिस विचारधारा वाले लोगों को जेलों में ठूंस दिया गया था, आज उसी विचारधारा के लोग देश का नेतृत्व कर रहे हैं। कार्यक्रम को लोकतंत्र सेनानी संघ के प्रदेश संयोजक तपन भौमिक ने संबोधित कर आपातकाल से जुड़े अनेक संस्मरण सुनाए। इस दौरान प्रदेश शासन के मंत्री विश्वास सारंग, श्रीमती कृष्णा गौर, पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती सीमा सिंह जादौन, प्रदेश महामंत्री व विधायक भगवानदास सबनानी, विधायक रामेश्वर शर्मा, महापौर श्रीमती मालती राय, पूर्व मंत्री व विधायक संजय पाठक, जिला प्रभारी महेंद्र सिंह यादव, जिला अध्यक्ष रविन्द्र यति एवं नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती वंदना परिहार ने एवं आभार श्रीमती विभा गरूण ने व्यक्त किया। हरि प्रसाद पाल / 25 जून, 2025