तिरुवनंतपुरम,(ईएमएस)। केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 14 जून की रात से खड़े अमेरिका में बने एफ-35बी लड़ाकू विमान पर अब हवाई अड्डा पार्किंग शुल्क लगाएगा। ब्रिटिश रॉयल नेवी का यह अत्याधुनिक स्टील्थ फाइटर जेट हाइड्रोलिक सिस्टम में आई खराबी की वजह से उड़ नहीं पा रहा है। इस फाइटर जेट को ठीक करने की ब्रिटिश और अमेरिकी इंजीनियरों की अबतक की सारी कोशिशें फेल हो चुकी हैं। एयरपोर्ट ने विदेशी सेना के इस लड़ाकू विमान को फिलहाल बे-4 में रखा है, जो कि वीआईपी विमानों के लिए पार्किंग की जगह है। तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट अभी तक यह नहीं तय कर पाया है कि उससे पार्किंग फीस और अन्य संबंधित शुल्कों के रूप में कितना वसूला जाएगा। इसका निर्धारण एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से निर्धारित शुल्कों के हिसाब से ही होगा, जिसमें पिछले मार्च में ही बदलाव किया गया है। मीडिया रिपोर्ट में एयरपोर्ट सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि वे अभी तक यह नहीं तय कर पाए हैं कि जेट पर कितना शुल्क लगाया जाए। आमतौर पर, हवाई अड्डा संचालक विमान के वजन के आधार पर पार्किंग शुल्क लेता है। इस एफ-15बी स्टील्थ फाइटर जेट को 14 जून की रात पहले ईंधन की कमी की शिकायत के बाद इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति दी गई थी। जानकारी के मुताबिक अमेरिका और ब्रिटेन के एक्सपर्ट इंजीनियरों की एक और टीम जल्द तिरुवनंतपुरम आएगी। अगर अमेरिका में बने इस अत्याधुनिक फाइटर जेट एफ-35बी को इंजीनियर अगर यहां ठीक नहीं कर पाए तो इसे किसी कार्गो प्लेन से ले जाने की कोशिश की जाएगी। ब्रिटिश हाई कमीशन के प्रवक्ता ने कहा कि हम तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यूके के एफ-35बी को जल्द से जल्द ठीक करने के लिए काम कर रहे हैं। हम भारतीय अधिकारियों को उनके निरंतर सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं। इस बीच विमान की उड़ान में अनिश्चितता देखते हुए इसे हैंगर में ले जाने की बात भी चल रही थी, लेकिन ब्रिटिश नौसेना के अधिकारी इसके पक्ष में नहीं हैं। इससे पहले ब्रिटिश नेवी का जो पायलट लेकर इसे यहां लेकर आया था, वह भी इस विमान को अपनी नजरों से तबतक ओझल होने देने को तैयार नहीं हुआ, जबतक एक ब्रिटिश नेवी के हेलीकॉप्टर से इसके कुछ और स्टाफ और तकनीशियन नहीं आ गए। अमेरिका में बने इस स्टील्थ फाइटर जेट एफ-35बी का वजन 14,700 किलोग्राम बताया जाता है। अगर तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डा पर एक अंतरराष्ट्रीय विमान पर 2015-16 के एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से निर्धारित पार्किंग शुल्क के हिसाब से देखें तो 100 मीट्रिक टन से कम वजन के कारण इस प्रति घंटे प्रति मीट्रिक टन के लिए 4.10 रुपये की दर से भुगतान करना पड़ता है। इस हिसाब से अगर इस विमान को 15 मीट्रिक टन का भी मानें तो 13 दिनों में गुरुवार तक 19,188 रुपये ही बैठते हैं लेकिन, इसी साल मार्च में मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली एयर पोर्ट पर जो अंतरराष्ट्रीय विमानों के पार्किंग चार्ज बढ़ाए गए थे, उसके हिसाब से दूर-दराज के स्टैंड में भी पार्किंग के लिए 18 रुपये प्रति मीट्रिक टन प्रति घंटे के हिसाब से भुगतान करना होता है। सिराज/ईएमएस 26जून25