27-Jun-2025
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तनाव के बीच हालिया सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ तेलअवीव,(ईएमएस)। इजरायल और हमास में चल रहे तनाव के बीच हालिया सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सर्वे के अनुसार, इजरायल की अधिकांश जनता अब हमास के साथ भी युद्धविराम चाहती है। यह सर्वेक्षण तब समय में सामने आया है, जब इजरायल और ईरान के बीच हाल ही में एक युद्धविराम समझौता हुआ है, जिसकी घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की थी। रिपोर्ट के अनुसार, एक सर्वेक्षण में 62 प्रतिशत इजरायली चाहते हैं कि उनकी सरकार हमास के साथ एक समझौते पर पहुंचे, जिसके तहत गाजा में कैद शेष लोगों को रिहा हो सके। यानी सर्वे में शामिल 62 प्रतिशत से अधिक इजरायली नागरिकों ने हमास के साथ तत्काल युद्धविराम की मांग की है। सर्वे में भाग लेने वालों का कहना है कि लंबे समय से चल रहा यह संघर्ष न केवल इजरायल की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह आर्थिक और सामाजिक स्थिरता को भी प्रभावित कर रहा है। गाजा में हमास के साथ युद्ध के कारण हजारों लोग प्रभावित हुए हैं, और बंधकों की रिहाई अब भी एक बड़ा मुद्दा बनी हुई है। इसके अलावा, ईरान के साथ हुए युद्धविराम को महज 33 प्रतिशत इजराइलियों ने समर्थन दिया, जबकि 52 प्रतिशत ने इसका विरोध किया और 15 प्रतिशत ने कोई राय व्यक्त नहीं की। नेतन्याहू के लिए अच्छी खबर सर्वे के अनुसार, ईरान के साथ हाल के संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी को समर्थन में मामूली वृद्धि देखी गई है। लेकिन यह उनके मौजूदा गठबंधन के लिए बहुमत के करीब पहुंचने के लिए पर्याप्त नहीं है। सर्वेक्षण में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी की बढ़त काफी हद तक उनके मौजूदा गठबंधन सहयोगियों की कीमत पर हुई है। सर्वे दिखाता है कि मौजूदा नेतन्याहू समर्थक गठबंधन गुट नेसेट की 120 सीटों में से केवल 49 सीटें ही जीत पाएगा। विपक्षी दलों को 61 सीटें मिलेंगी, जबकि अरब दलों को 10 सीटें मिलने का अनुमान है। यदि आज चुनाव होने पर नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 120 सीटों वाली नेसेट में 26 सीटें जीतने का अनुमान है, जो युद्ध-पूर्व सर्वेक्षणों से चार अधिक है। यह पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की नई पार्टी से दो सीटें अधिक है, जिसे 24 सीटें मिलने का अनुमान है। वामपंथी डेमोक्रेट्स 12 सीटें जीत सकते हैं। गाजा में चल रहे युद्ध के बावजूद, नेतन्याहू ने विपक्ष के शुरुआती चुनाव कराने के आह्वान को बार-बार खारिज किया है। उनके आलोचकों का आरोप है कि वह सत्ता में बने रहने के लिए युद्ध को लंबा खींच रहे हैं। सर्वे में 54 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नेतन्याहू के प्रति उनकी राय में कोई बदलाव नहीं हुआ है। 32 प्रतिशत ने कहा कि उनकी राय में सुधार हुआ है, जबकि केवल 8 प्रतिशत ने अधिक नकारात्मक राय व्यक्त की। आशीष/ईएमएस 27 जून 2025