28-Jun-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली के बवाना में कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल के भांजे दीपक की हत्या के बाद राजधानी में एक बार फिर गैंगवार का खतरा बढ़ गया है। मंजीत और नंदू गैंग आमने-सामने आ चुके हैं। दोनों गैंग की दुश्मनी में अब तक 25 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। दिल्ली के बवाना में कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल के भांजे दीपक की हत्या के बाद राजधानी में एक बार फिर गैंगवार का खतरा बढ़ गया है। मंजीत और नंदू गैंग आमने-सामने आ चुके हैं। दोनों गैंग की दुश्मनी में अब तक 25 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इस गैंगवार की शुरुआत 2015 में उस वक्त हुई, जब प्रॉपर्टी विवाद में मंजीत ने नंदू के जीजा डॉ. सुनील की हत्या कर दी थी। हत्या में मंजीत गैंग के नफे मंत्री, अशोक प्रधान, रविंद्र भिंडा और प्रदीप सोलंकी शामिल थे। उसके बाद से ही दोनों गैंग एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं। घर में घुसकर पिता की हत्या जीजा की हत्या की खबर के बाद नंदू गैंग ने उसी शाम नफे मंत्री के घर में घुसकर उसके माता-पिता और पत्नी पर हमला किया। हमले में नफे मंत्री के पिता, जो दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर थे उनकी मौत हो गई थी। नजफगढ़ और आसपास के इलाके में वारदात के बाद सनसनी फैल गई। नंदू और उसके साथियों की गिरफ्तारी हुई, लेकिन जमानत पर बाहर आने के बाद नंदू फर्जी पासपोर्ट बनवाकर विदेश भाग गया। उसका भाई ज्योति और मंजीत फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/28/जून/2025