सरकारी वेबसाइट की हूबहू नकल बनाकर चल रही है फर्जी वेबसाइट - नगर निगम भोपाल में आया फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करने का मामला - फर्जी वेबसाइट से बिना किसी सत्यापन के 20 रुपये में बन रहा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र - निगम प्रशासन ने पुलिस और साइबर सेल में की शिकायत भोपाल(ईएमएस)। यदि आपने किसी दलाल के माध्यम से अपना या परिवार के किसी सदस्य का जन्म प्रमाण-पत्र बनवाया है, तो आपके लिये यह बेहद जरुरी है, की आप उस प्रमाण पत्र की सत्यता की तुरंत ही जांच करा ले। क्युंकि राजधानी भोपाल नगर निगम की पड़ताल में एक ऐसे गिरोह का खुलासा हुआ है, जो केवल 20 रुपये में लोगो को ऑनलाइन नकली जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर रहा था। यह फर्जीवाड़ा उस समय सामने आया जब भोपाल के कोलार इलाके में रहने वाली एक महिला अपने बेटे के जन्म प्रमाणपत्र में सरनेम में सुधार कराने के लिए बीएमसी कार्यालय पहुँची। यहॉ जन्म-मृत्यु शाखा के कर्मचारी ने जब जब उसे चैक किया तब पता चला की वह प्रमाणपत्र एक फर्जी वेबसाइट से तैयार किया गया था, जो सरकारी पोर्टल की हूबहू नकल थी। फर्जी ऑनलाइन प्रमाण बनाने वाली वेबसाइट की जानकारी सामने आने पर निगम प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इस फर्जी प्रमाणपत्र में डिजिटल हस्ताक्षर भी असली जैसा ही था। नगर निगम प्रशासन ने मामले को गंभीर मानते हुए गोविंदपुरा थाना में एफआईआर दर्ज कराने के लिए लिखित शिकायती आवेदन दिया है। अफसरो को आशंका है, कि इस तरह के कई और नकली प्रमाण-पत्र पहले ही जारी किए जा चुके हैं। जानकारी के अनुसार भोपाल के कोलार क्षेत्र की एक महिला अपने बेटे के जन्म प्रमाण-पत्र में सरनेम में बदलाव कराने के लिए नगर निगम पहुंची थी। यहॉ जन्म-मृत्यु पंजीयन काउंटर पर कार्यरत कर्मचारी विशाल प्रजापति ने उस प्रमाण पत्र को देखा तो वह देखने में बिल्कुल असली लग रहा था। लेकिन जब उस सर्टिफिकेट को उसने निगम के आधिकारिक पोर्टल पर स्कैन किया गया तब यह जानकारी सामने आने पर वह भी हैरान रह गया की उसका कोई भी रिकॉर्ड आधिकारिक डेटा में मौजूद नहीं है, और यह सर्टिफिकेट फर्जी वेबसाइट से बना था। वहीं यह भी पता चला की प्रमाण पत्र बनाने वाली नकली वेबसाइट पर किसी भी प्रकार के दस्तावेज़ सत्यापन की जरूरत नहीं थी, लोग बस 20 रुपये ऑनलाइन भुगतान कर कुछ ही समय में प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते थे। मामले की लिखित शिकायत बीमएसी ने गोविंदपुरा पुलिस और सायबर सेल में भी की है। इस मामले के सामने आने पर निगम अफसरो ने आम जनता को जागरुक करते हुए कहा की है, कि वे किसी भी दलाज से प्रमाणपत्र न बनवाये और केवल सरकारी पोर्टल के माध्यम से ही आवेदन करें, इससे वे फर्जीवाड़े से बच सकेंगे और प्रमाणपत्र की सत्यता बनी रहेगी। अगर कोई प्रमाण-पत्र संदिग्ध लगे, तो उसकी पोस्ट स्कैनिंग जरूर कराएं। जुनेद / 28 जून