- इस बांध परियोजना से सिंचित की जा सकेगी 49 हजार 800 हेक्टेयर जमीन भोपाल (ईएमएस)। सुठालिया में पार्वती नदी बांध परियोजना के अंतर्गत 1375 करोड़ की लागत से बांध का निर्माण किया जा रहा है। इस बांध का 75 प्रतिशत तक काम पूरा हो चुका है। इस बांध से अगले साल जुलाई 2026 तक किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलने लगेगा। इससे इस क्षेत्र के किसानों की आय में 500 करोड़ तक की बढ़ोत्तरी होने की संभावनाएं जताई जा रही है। यह दावा जलसंसाधन विभाग द्वारा किया जा रहा है। जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस बांध परियोजना से 49 हजार 800 हेक्टेयर जमीन सिंचित की जा सकेगी। बांध का निर्माण पूर्ण हो जाने पर किसान साल में तीन फसलें लेने में समक्ष हो जाएंगे। वे कम मुनाफे वाले फसलों की जगह ज्यादा मुनाफे वाली फसलें बो सकेंगे। बारिश पर निर्भरता घटने से आमदनी में स्थिरता आएगी। आसपास के सभी गांवों की पेयजल की समस्या हल हो जाएगी। इस इलाके में ज्यादा रोजगार का सृजन होगा और जमीनों की कीमतें बढ़ जाएंगी। इसका सीधा लाभ भूमि धारकों को मिलेगा। जो किसान अभी केवल मानसून पर आधारित फसल ही ले पा रहे थे, वे अब तीन फसलें ले सकेंगे। एक फसल लेने के मुकाबले तीन फसलें लेने के कारण किसानों की प्रति हेक्टेयर आमदनी में एक लाख रुपए सालाना वृद्धि होने का अनुमान है। पार्वती-सुठालिया परियोजना के बाद इलाके में 49,800 हेक्टेयर का रकबा पूरी तरह सिंचित हो जाएगा और इसमें तीन फसलें ली जा सकेंगी इस तरह सिंचित क्षेत्र के किसानों को करीब 500 करोड़ रुपए सालाना की अतिरिक्त आमदनी होगी एक लाख से ज्यादा किसानों को मिलेगा लाभ इस परियोजना का लाभ 174 गांवों के एक लाख से ज्यादा किसानों को मिलेगा। बांध के कारण उन इलाकों में भी भूमिगत जल स्तर बढ़ जाएगा, जहां सिंचाई का पानी उपलब्ध नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और सिंचाई विभाग ने परियोजना की बाधाओं को दूर करने के लिए आवश्यक मंजूरियां जल्दी दिलाने के प्रयास किए हैं। उसके नतीजे अब दिखाई दे रहे हैं। तमाम मंजूटियों मिलने के कारण परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है और यह अगले साल पूरी हो जाने की संभावना है। मुश्किल रहा है परियोजना का सफर सुठालिया-पार्वती बांध परियोजना का निर्माण इस लिहाज से काफी मुश्किल रहा है कि नदी की सतह किनारों के मुकाबले काफी नीची है। यह पहाड़ी और पठारी इलाका है। दोनों किनारों की ओर ऊंचाई से निर्माण सामग्री को नीचे लाना एक कठिन काम है। पार्वती बांध की जल संधारण की वास्तविक क्षमता 187.54 घन मीटर है। यह 25.50 मीटर ऊंचा और 7.5 मीटर चौड़ा है। करीब 4 किमी लंबे इस बांध के 23 ब्लॉक में 20 गेट लगाए जा रहे हैं। इनमें से 16 ब्लॉक में कंक्रीट का काम चल रहा है। जुलाई 2026 से मिलेगा लाभ, 75 प्रतिशत काम पूरा जल संसाधन विभाग के सीई आरडी अहिरवार का कहना है कि यह सिंचाई परियोजना जुलाई 2026 तक पूरी हो जाएगी। अभी पूटी परियोजना के विभिन्न हिस्सों का 65-75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। पंप हाउस वन का भी 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जो 22 हजार हेक्टेयर में सिंचाई करेगा। पंप हाउस टू पर भी तेजी से काम चल रहा है। बांध परियोजना के साथ-साथ प्रेशराइज्ड पाइपलाइन बिछाने का काम भी चल रहा है, ताकि बांध बनते ही खेतों तक पानी की आपूर्ति आरंभ की जा सके। इस परियोजना में बांध निर्माण और प्रेशराइज्ड पाइपलाइन का काम दो अलग-अलग कंपनियां कर रही हैं। बांध निर्माण का कार्य मंतेना इंफ्रासोल कर रही है, वहीं प्रेशराइज्ड पाइपलाइन बिछाने का काम एचईएस सुठालिया जेवी कर रही है। भूमिगत प्रेशराइज्ड पाइपलाइन के जरिए सिंचाई की नई तकनीक इस्तेमाल करने वाला मध्य प्रदेश देश का अग्रणी राज्य है। विनोद / 28 जून 25