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29-Jun-2025
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-पीएम मोदी ने मन की बात में आपातकाल का किया जिक्र, नेताओं के संदेश सुनाए नई दिल्ली,(ईएमएस)। पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के 123वें एपिसोड में कई विषयों पर बात की। इनमें से एक अहम मुद्दा था 1975 में लगाया गया आपातकाल। इस दौरान पीएम मोदी ने देशवासियों को उस दौर की भयावहता और संकट से अवगत कराने कई नेताओं के ऑडियो संदेश सुनाए। इन ऑडियो के जरिए उन्होंने उस समय के हालात को प्रस्तुत किया, जब लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश की गई थी। पीएम मोदी ने कहा कि जन-भागीदारी की शक्ति से, बड़े-बड़े संकटों का मुकाबला किया जा सकता है। इसके बाद पीएम मोदी ने पूर्व पीएम मोरारजी देसाई का एक ऑडियो का उल्लेख किया, जिसमें देसाई जी ने आपातकाल की क्रूरता को बयां किया। मोरारजी देसाई ने कहा था, आखिर ये जो ज़ुल्म हुआ दो साल तक जुल्म तो 5 से 7 साल से शुरू हो गया था। लेकिन वह शिखर पर पहुंच गया है दो साल में, जब लोगों पर इमरजेंसी थोप दी और अमानवीय बर्ताव किया गया। लोगों के स्वतंत्रता का हक छीन लिया गया। अखबारों की स्वतंत्रता भी छीन ली। अदालतें निर्बल बना दी गई। जिस ढंग से एक लाख से ज्यादा लोग जेल में बंद कर दिए और फिर सरकार की मनमानी होती रही, उसकी मिसाल दुनिया के इतिहास में मिलना मुश्किल है। पीएम मोदी ने कहा कि मोरार देसाई ने संक्षेप में बहुत ही स्पष्ट तरीके से इमरजेंसी के बारे में बताया। आप कल्पना कर सकते हैं, वो दौर कैसा था। इमरजेंसी लगाने वालों ने ना सिर्फ हमारे संविधान की हत्या की बल्कि उनका इरादा न्यायपालिका को भी अपना गुलाम बनाना था। इस दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर यातनाएं दी गई। इसके ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। जॉर्ज फर्नांडिस को जंजीरों में जकड़ा गया। अनेक लोगों को कठोर यातनाएं दी गई। ‘मीसा’ के तहत किसी को भी ऐसे ही गिरफ्तार कर लिया जाता था। विद्यार्थियों को भी परेशान किया गया और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटा गया। पीएम मोदी ने इस दौरान भारत की जनता की अदम्य शक्ति की सराहना की। उन्होंने कहा कि उस काले दौर में भी भारत की जनता न झुकी, न टूटी, और न ही लोकतंत्र के साथ कोई समझौता किया। आखिरकार जनता-जनार्दन की जीत हुई और आपातकाल को हटाने के साथ इसे थोपने वाली ताकतों को सत्ता से बाहर कर दिया गया। इस संदर्भ में पीएम मोदी ने बाबू जगजीवन राम का एक ऑडियो का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पिछला चुनाव, चुनाव नहीं था। भारत की जनता का एक महान अभियान था। उस समय की परिस्थितियों को बदल देने का, तानाशाही की धारा को मोड़ देने का और भारत में प्रजातंत्र के बुनियाद को मजबूत कर देने का। इसी तरह पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि देश में जो कुछ हुआ, उसे केवल चुनाव नहीं कह सकते। एक शांतिपूर्ण क्रांति हुई है। लोकशक्ति की लहर ने लोकतंत्र की हत्या करने वालों को इतिहास के कूड़ेदान में फेंक दिया है। पीएम मोदी ने यह भी बताया कि आपातकाल थोपे जाने के 50 साल पूरे हुए हैं। इस अवसर पर देशवासियों ने संविधान हत्या दिवस मनाया ताकि उस दौर की क्रूरता को याद किया जा सके और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सजग रहा जाए। उन्होंने उन सभी वीरों को याद करने का आह्वान किया, जिन्होंने आपातकाल का डटकर मुकाबला किया और संविधान को सशक्त बनाया। सिराज/ईएमएस 29जून25